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18 से कम की पत्नी से शारीरिक संबंध रेप

नई दिल्ली | संवाददाता: रेप के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है.इस फैसले के अुसार 18 वर्ष से कम उम्र की पत्नी से भी शारीरिक संबंध बनाना अपराध है. अदालत ने कहा है कि इस स्थिति में इसे रेप माना जा सकता है. गौरतलब है कि देश में लगभग 27 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 वर्ष से कम उम्र में हो जाती है. माना जा रहा है कि इससे इन विवाहों पर भी प्रभाव पड़ेगा.

इससे पहले केंद्र सरकार ने कहा था कि इसे अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जाना चाहिए.

दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार ने दलील दी थी कि इसके ‘अपराध मानने से विवाह संस्था अस्थिर’ हो जाएगी और ‘पतियों को परेशान करने का ये एक नया हथियार’ बन जाएगा.

भारतीय दंड संहिता की धारा 375 सेक्शन 2 में रेप को परिभाषित किया है. इसके मुताबिक 15 से 18 साल की पत्नी के साथ यौन संबंध को रेप की परिभाषा से बाहर रखा गया था.

देश में प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस यानी पोक्सो के तहत 18 साल से कम उम्र के बच्चों से किसी तरह का शारीरिक संबंध क़ानून के दायरे में आता है. लेकिन विवाह के मामले में ऐसा नहीं था. इसी तरह कई दूसरे कानून भी नाबालिग पत्नी से शारीरिक संबंध बनाये जाने को लेकर अलग-अलग व्याख्या कर रहे थे. यही कारण था कि इंडिपेन्डेंट थॉट नामक संस्था ने कानून में एकरुपता लाने के उद्देश्य से एक याचिका दायर की थी.

ताज़ा फैसले में कहा गया है कि 18 वर्ष से कम उम्र की पत्नी अपने पति के खिलाफ साल भर के भीतर कभी भी रेप का मामला दर्ज करवा सकती है. हालांकि एक बड़े वर्ग का मानना है कि ताज़ा फैसला पुरुषों को मुश्किल में डालने वाला हो सकता है. लेकिन यह भी माना जा रहा है कि इस फैसले के बाद देश भर में होने वाले बाल विवाह पर रोक लग सकती है.

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