छत्तीसगढ़

सिकलिन को विकलांग का दर्जा

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: सिकलसेल एनीमिया से ग्रसित मरीजों को विकलांग का दर्जा मिलने जा रहा है. राज्यसभा ने इससे संबंधित विधेयक को पारित कर दिया है. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में सिकलसेल एनीमिया से पीड़ित मरीजों की संक्या 38 लाख के आसपास है. इससे इन्हें सरकारी नौकरियों तथा शिक्षण संस्थान में आरक्षण मिलने लगेगा.

केन्द्र सरकार ने विकलांगों के अधिकारों के लिये जो संशोधन करने जा रही है उसके अनुसार जानबूझकर इनके साथ भेदभाव किये जाने के दोषी पाये जाने पर 7 साल की सजा तथा 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.

केन्द्र सरकार के संशोधन में सिकलसेल के अलावा बौनापन, पार्किंसन सिन्ड्रोम, थैलेसीमिया जैसी बीमारियों को भी विकलांग का दर्जा देने का प्रस्ताव है.

केन्द्र सरकार विकलांगों को परिचय पत्र भी प्रदान करेगी जो सारे देश में मान्य होगा.

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