राष्ट्र

स्मृति का स्पष्टीकरण- मैंने सच बताया

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: स्मृति ईरानी ने कहा दुर्गा-महिषासुर का उल्लेख सच बताने के लिये किया. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को दुर्गा और महिषासुर पर अपने बयान पर प्रतिक्रिया में कहा कि उन्होंने बहुत ही पीड़ा के साथ यह बयान दिया है, क्योंकि उनसे सच कहने को कहा गया था. स्मृति ने विपक्ष द्वारा उनके बयान पर विरोध जताने के बाद प्रतिक्रियास्वरूप कहा, “मैंने इसे इसलिए पढ़ा क्योंकि मुझे सच बताने को कहा गया था. मैंने बहुत ही पीड़ा के साथ यह बात कही. मैं स्वयं हिंदू हूं और दुर्गा की भक्त हूं. ये विश्वविद्यालय के प्रमाणित दस्तावेज हैं.”

राज्यसभा में भाजपा सांसद और मानव संसाधन एवं विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने महिषासुर शहादत दिवस के कार्यक्रम के आह्वान के लिए बांटा गया पर्चा गुरुवार को सदन में पढ़कर सुनाया.

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में वामपंथी छात्र संगठन द्वारा बांटे गए पर्चे में देवी दुर्गा के बारे में आपत्तिजनक बातें कही गई हैं.

स्मृति ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि किस तरह से जेएनयू के छात्र अपनी अभिव्यक्ति की आजादी का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं.

उनका बयान कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य सहित जेएनयू के छात्रों पर पुलिस कार्रवाई को औचित्य ठहराने का ही हिस्सा था.

इससे पहले विपक्षी दलों ने देवी दुर्गा पर स्मृति के बयान पर उनसे माफी मांगने की मांग की थी.

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने राज्यसभा में कहा, “मानव संसाधन विकास मंत्री को देवी दुर्गा के बारे में अपनी टिप्पणी पर माफी मांगनी चाहिए.”

शर्मा ने कहा, “पहले भी लोगों ने देवताओं, पैगंबर और ईसा मसीह के बारे में आपत्तिजनक बयान दिए हैं, लेकिन इससे पहले ये बयान सदन में दोहराए नहीं गए.”

इस मुद्दे पर कांग्रेस का समर्थन करते हुए मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, “यह टिप्पणी जानबूझकर की गई. भाजपा ने इस पूरे मुद्दे को जानबूझकर धुव्रीकरण के लिए इस्तेमाल किया. देवी दुर्गा का जिक्र करने की क्या जरूरत थी? स्मृति को माफी मांगनी चाहिए.”

विपक्षी सदस्यों का कहना है कि स्मृति ईरानी को सदन में इस पर्चे को पढ़ना नहीं चाहिए था, क्योंकि इससे कुछ लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं.

0 thoughts on “स्मृति का स्पष्टीकरण- मैंने सच बताया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!