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सूफीवाद शांति की आवाज: मोदी

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूफीवाद को शांति की आवाज करार दिया है. उन्होंने कहा कि अल्लाह के 99 नामों में से कोई भी हिंसा से नहीं जुड़ा है. ‘वर्ल्ड सूफी फोरम’ को यहां गुरुवार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “सूफीवाद शांति, सह-अस्तित्व, करुणा, समानता और वैश्विक भाई चारे का आह्वान है.”

जब हम अल्लाह के 99 नामों के बारे में सोचते हैं तो उनमें से कोई भी बल और हिंसा से नहीं जुड़ता. अल्लाह के पहले दो नाम कृपालु एवं रहमदिल हैं. अल्लाह रहमान और रहीम हैं. सूफीवाद विविधता एवं अनेकता का उत्सव है.

मोदी ने कहा, “सूफी सर्वशक्तिमान के उस वैश्विक संदेश को अनुभव किया है जो मानव जीवन की पूर्णता की स्थिति में गुण प्रदर्शित होते हैं और वह है ईश्वर के प्यारे. सूफियों के लिए ईश्वर की सेवा का अर्थ मानवता की सेवा है.”

मोदी ने उन लोगों पर भी निशाना साधा जो धर्म की आड़ में पूरी दुनिया मं आतंक फैलाते हैं.

उन्होंने कहा, “जो लोग धर्म के नाम पर आतंक फैलाते हैं वे धर्म विरोधी हैं. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी धर्म के खिलाफ नहीं है और न ही यह हो सकती है.”

सूफियों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, “ऐसे समय में जब हिंसा की काली छाया बड़ी हो रही है आप लोग उम्मीद की किरण हैं.”

मोदी ने “जब युवा की हंसी बंदूकों के जरिये सड़कों पर खामोश कर दी जाती है, तब आप लोग वह आवाज हैं जो उसकी पीड़ा को भरते हैं.”

उन्होंने पंजाबी सूफी कवि, मावतावादी और दार्शनिक बुल्ले शाह का उल्लेख किया.

प्रधानमंत्री ने भारतीय कविता में सूफीवाद के बड़े योगदान और भारतीय संगीत के विकास में उसके गहरे प्रभाव का भी उल्लेख किया.

सूफी फोरम के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा, “यह वैसे लोगों का मंच है जो खुद शांति, सहिष्णुता और प्यार के संदेश के साथ जीते हैं. हम सभी ईश्वर की रचना हैं और यदि हम ईश्वर से प्रेम करते हैं तो हम हर हाल में उसकी सारी रचनाओं से भी प्रेम करते हैं.”

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