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सुकमा हमले के दिन 55 जवान छुट्टी पर थे

रायपुर | संवाददाताः छत्तीसगढ़ के सुकमा में सीआरपीएफ पर जिस दिन माओवादियों ने हमला किया था, उस दौरान 74वीं बटालियन के 55 जवान छुट्टी पर थे. जवान छुट्टी पर एक स्वाभाविक प्रक्रिया के तहत गये थे या इसके पीछे कोई और कारण था, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है. टीवी चैनल आज तक ने अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया है.

इस हमले में माओवादियों ने सीआरपीएफ के 25 जवानों की हत्या कर दी थी. हमले में सीआरपीएफ के 7 जवान भी घायल हुये थे.

समाचार चैनल आज तक ने दावा किया है कि 24 अप्रैल को हुए सबसे बड़े नक्सली हमले के दौरान सीआरपीएफ के 74वीं बटालियन के करीब 55 जवान अप्रत्याशित रूप से छुट्टी पर चले गए थे. जवानों का छुट्टी लेना कोई अजूबा नहीं है, लेकिन एक साथ एक ही बटालियन के इतने जवानों का छुट्टी पर जाना हैरान करता है.

24 अप्रैल को माओवादियों ने सुकमा के बुरकापाल में पूरी तैयारी की साथ उस समय हमला किया, जब जवान थकने के बाद खाना खाने के लिये बैठे थे. जवानों को संभलने का भी मौका नहीं मिला. माओवादी इस हमले में बड़ी संख्या में जवानों के हथियार भी लूट कर ले जाने में सफल रहे थे.

इस मामले में लगभग महीने भर बाद सीआरपीएफ ने कार्रवाई की और सीआरपीएफ के एडिशनल डायरेक्टर जनरल की जांच के बाद कंपनी कमांडर, सहायक कमांडेंट जे विश्वनाथ को नेतृत्व में कथित नाकामी के लिए निलंबित किया गया है, वहीं 74वीं बटालियन के कमांडिंग आफिसर फिरोज कुजुर का तबादला छत्तीसगढ़ के बाहर कर दिया गया है. कहा गया है कि विश्वनाथ ही कंपनी को ले कर इलाके में गये थे.

सुकमा के बुरकापाल को लेकर सीआरपीएफ के नेतृत्व की कड़ी आलोचना हुई थी. सुरक्षाबल और पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने भी माना था कि जवानों की शहादत के पीछे छोटी-छोटी कई लापरवाहियां कारण बनी. अगर जवानों ने मोर्चा के नियमों का पालन किया होता तो ऐसा नहीं होता. इसके अलावा इस बात को लेकर भी सीआरपीएफ और राज्य पुलिस बल के बीच बहस की स्थिति बनी कि सीआरपीएफ को ऑपरेशन के दौरान स्थानीय फोर्स का साथ नहीं मिलता.

सीआरपीएफ के एक घायल जवान ने तो सार्वजनिक तौर पर अस्पताल में कई बार मीडिया और राज्य के आला अधिकारियों के सामने इस सवाल को उठाया. हालांकि 8 मई की बैठक के बाद से स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ के बीच बेहतर तालमेल की खबर है. सीआरपीएफ का दावा है कि इस बीच माओवादियों के खिलाफ जितने भी ऑपरेशन चले हैं, उसमें सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है.

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