देश विदेश

स्वीडन में ढाई अक्षर सेक्स का

नई दिल्ली | बीबीसी: स्वीडिश सरकार इस बात का सर्वे करायेगी कि उसके नागरिक कहीं सेक्स सुख से वंचित तो नहीं हैं? हाल ही में स्वीडन के एक टैबलॉइड अखबार ने अपने सर्वे में दावा किया है कि स्वीडन के लोगों की रुचि सेक्स में कम होती जा रही है. इसीलिये वहां की सरकार इस पर सतर्क हो गई है. स्वीडिश सरकार एक टैबलॉइड अखबार के सर्वे पर भरोसा करने के बजाये खुद एक सर्वे कराने जा रही है. जिसका परिणाम 2019 तक आयेगा.

इतना जरूर है कि स्वीडिश सरकार एक टैबलॉइड अखबार के सर्वे से सजग हो गई है. स्वीडन के लोगों की सेक्स लाइफ़ पर अब सरकार नज़र रखेगी. स्वीडन की सरकार ने तीन साल के लिए आम लोगों के यौन जीवन के अध्ययन का फ़ैसला किया है.

एक टैबलॉइड के सर्वे के मुताबिक़ स्वीडन में लोग कम सेक्स कर रहे हैं और इससे ज़्यादा संतुष्ट नहीं हैं.

स्वीडन के स्वास्थ्य मंत्री गेब्रियल विकस्ट्रॉम ने डागन्स न्यूहेटर अख़बार में लिखा है कि सर्वे सही है या नहीं, इस पर अध्ययन किया जाना चाहिए और अगर सही है तो इसकी वजह का पता लगाया जाना चाहिए. ये अध्ययन स्वीडन की सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी करेगी और इसकी रिपोर्ट जून 2019 में आएगी.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगर तनाव, वर्जिश की कमी या अन्य कारणों से लोगों की सेक्स में दिलचस्पी घट रही है तो ये राजनीतिक समस्या भी है.

उन्होंने कहा कि ये विरोधाभास है कि जीवन में सेक्स की अहमियत व्यापक है लेकिन राजनीतिक बहस में सेक्स के विषय पर चर्चा को लेकर शर्म महसूस की जाती है.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यौन स्वास्थ्य नीति में सिर्फ़ यौन संबंधी बीमारियों, अनचाहे गर्भ या बलात्कार जैसी समस्याओं पर ही नहीं बल्कि सेक्स से जुड़े सुख पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि सेक्स को लेकर लोगों के रवैये में बदलाव लाने की ज़रूरत है. हमारे भारत में कहा जाता है ढ़ाई अक्षर प्रेम का, उसी तरह से स्वीडिश सरकार एक कदम आगे बढ़कर ढ़ाई अक्षर सेक्स पर भी नज़र रखती है. भला सेक्स में यदि प्रेम न हो तो ऐसा सेक्स किस काम का.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!