युवा जगत

युवाओं को रिझाने नए तरीके अपना रहे दल

नई दिल्ली | एजेंसी: युवाओं को आकर्षित करने के लिये राजनीतिक दल नये-नये तरीके अजमा रहें हैं. लगातार परिवर्तनशील भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में युवाओं और संभावनाशील आबादी तक अपनी पहुंच का विस्तार करने के लिए राजनीतिक दल प्रचार के नवीनतम तकनीक का व्यापक तौर पर सहारा लेने लगे हैं. पुराने चलन का प्रयोग करने के अलावा राजनीतिक दल अब लोगों को आकर्षित करने के लिए सोशल मीडिया का सहरा लेने लगे हैं.

एक समय था जब नेता मतदाताओं को रिझाने के लिए पोस्टरों, कार्डबोर्ड के कटआउट, चित्रों और घर-घर संपर्क का थकाऊ तरीके पर भरोसा करते थे.

ये सभी तरीके आज भी चलन में हैं. लेकिन इन सबके बीच देश के शहरी इलाकों में प्रचार का एक तरीका तेजी से सिरे चढ़ रहा है और वह है राजनीतिक दलों का तकनीक सेवी होता जाना. इसका मुख्य कारण युवाओं के बीच पैठ बनाने के लिए इस पर ज्यादा भरोसा करना है.

बड़ी पार्टियों के बीच भारतीय जनता पार्टी सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा सक्रिय है. भाजपा ने इसका प्रयोग 2009 के आम चुनाव में भी किया था, हालांकि वह इस चुनाव में सफल नहीं रही थी. लेकिन हाल के वर्षो में इस माध्यम की जड़ें पहले से ज्यादा गहरी हुई हैं.

भाजपा में आईटी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद गुप्ता ने कहा, “हम देश की पहली राजनीतिक पार्टी हैं जिसने 1998 में अपना वेबसाइट लांच किया था. प्रौद्योगिकी भाजपा के डीएनए में रचाबसा है. चाहे समर्थकों को सूचना देने के लिए हो या शीघ्र सूचाना मुहैया कराना हो, हम हमेशा से तकनीक का प्रभावी इस्तेमाल करते आए हैं.”

आंकड़ा विश्लेषण में डॉक्टरेट गुप्ता के साथ पार्टी के डिजीटल आपरेशन सेंटर में 20 लोगों की टीम काम करती है.

देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने देर से ही सही सोशल मीडिया के महत्व को स्वीकार किया. ऑनलाइन गतिविधियों में सक्रिय पार्टी के एक नेता ने अपना नाम जाहिर नहीं होने देने की शर्त पर बातचीत की. उन्होंने मीडिया से बातचीत के लिए अधिकृत नहीं होने के कारण अपना नाम गोपनीय रखने की गुजारिश की.

उन्होंने कहा, “हम परंपरागत माध्यम को बहुत ज्यादा महत्व देते हैं. लेकिन इसमें हेरफेर किया जा सकता है. अब हमने महसूस किया है कि सोशल मीडिया आम लोगों के साथ सीधा संपर्क साधने का जरिया है.”

सोशल मीडिया पर सक्रिय एक और पार्टी है आम आदमी पार्टी. इसके मुखिया अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने हैं. ट्विटर पर अरविंद के 900,000 फॉलोअर हैं.

आप की प्रवक्ता अस्वति मुरलीधरन ने कहा, “सोशल मीडिया हमारे चुनाव प्रचार का सबसे महत्वपूर्ण औजार रहा है.”

इसके आलावा एआईएडीएमके, असम के आल इंडिया यूनाइडेड डेमोक्रेट्रिक फ्रंट और बीजू जनता दल के भी विभिन्न गतिविधियों पर फेसबुक पेज हैं.

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