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‘अनेकता में एकता भारत की ताकत’

नागपुर | समाचार डेस्क: संघ प्रमुख ने कहा अनेकता में एकता भारत की असली ताकत है. उन्होंने भारत के लाभ के लिये एकीकृत शासन की वकालत की. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को अपने बहुप्रतीक्षित दशहरा संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके इस पद पर आने के बाद से देश में आशा व उत्साह का माहौल है. देश में बढ़ती असहिष्णुता के बीच भागवत ने एकता की अपील करते हुए यह भी कहा कि अनेकता में एकता ही भारत की असली पहचान व ताकत है.

भागवत ने यहां स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए अपने वार्षिक दशहरा संबोधन में कहा, “विश्व में भारत की छवि सुधरी है. भारत के हालात में सुधार आया है. दो साल पहले निराशा का माहौल था, लेकिन अब आशा व उत्साह का माहौल है.”

आरएसएस प्रमुख ने मोदी की ‘जन धन योजना’ जैसी पहल की सराहना की.

भागवत ने वार्षिक दशहरा संबोधन में लोगों से एकजुट होने और रहने की भी अपील की. उन्होंने कहा, “भारत को एक मजबूत राष्ट्र बनाने का मूल सिद्धांत इसकी एकता को सुनिश्चित करना है.”

भागवत ने कहा, “हमें भारत के लाभ के लिए एकीकृत शासन की आवश्यकता है. अनेकता में एकता भारत की ताकत है.”

दशहरा संबोधन कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित भारतीय जनता पार्टी के अन्य नेताओं ने भी शिरकत की.

भागवत ने कहा, “विश्व में नव भारत के उत्थान का एक विचार है. दुनिया में जब भी कोई संकट आया है, हम मदद के लिए आगे आए हैं.”

उन्होंने कहा, “समाज, सरकार और प्रशासन को देश में सतत परिवर्तन के लिए मिलकर काम करना चाहिए.

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