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अमरीका चाहता है उदार नीति

वाशिंगटन । एजेंसी: कुछ अमरीकी सांसदों की शिकायत पर एक अमरीकी सरकारी एजेंसी ने भारत की कई सारी नीतियों की जॉच-पड़ताल शुरू कर दिया है. सांसदों ने शिकायत की है कि ये नीतियां अमरीकी व्यापार एवं निवेश के प्रति भेदभावपूर्ण हैं.

ज्ञात्वय रहे कि इससे पहले अमरीकी सरकार के व्यापार प्रतिनिधी ने भारत को स्पेशल 301 के तहत निगरानी की सूची में रख दिया है. अमरीका चाहता है कि भारत अमरीकी उत्पादो को बेरोकटोक भारत आने दे.

अमरीकी अंतर्राष्ट्रीय कारोबार आयोग ने शुक्रवार को घोषणा की कि भारत की हाल की उन नीतियों और कदमों की जांच की जाएगी, जो अमरीकी निर्यात और निवेश को प्रभावित करती हैं, इसके साथ ही अमरीकी कंपनियों और अमरीकी अर्थव्यवस्था पर इस तरह की बाधाओं के असर का मूल्यांकन भी किया जाएगा.

यूएसआईटीसी ने कहा है कि ‘भारत में कारोबार, निवेश और औद्योगिक नीतियां : अमरीकी अर्थव्यवस्था पर प्रभाव’ विषय पर जांच के लिए वित्तीय मामलों पर सीनेट की समिति और तरीकों और माध्यमों पर प्रतिनिधि सभा की समिति ने संयुक्त रूप से अनुरोध किया है.

यूएसआईटीसी ने अपने को एक स्वतंत्र, निष्पक्ष, तथ्यान्वेषी संघीय एजेंसी बताया है. इसने कहा है कि उन अमरीकी कंपनियों या उद्योगों पर कई अध्ययन उपलब्ध कराए जाएंगे, जो खासतौर से भारतीय प्रतिबंधों के कारण प्रभावित हुए हैं.

यूएसआईटीसी ने कहा है कि उन प्रतिबंधात्कमक कारोबारी और निवेश नीतियों की गिनती की जाएगी, जिन्हें भारत ने बनाए रखा है या जिन्हें हाल में मंजूरी दी गई है. यह भी पता किया जाएगा कि इन नीतियों से अमरीकी अर्थव्यवस्था का कौन-सा सेक्टर सर्वाधित प्रभावित है, और साथ ही इन सेक्टरों में भारतीय कंपनियों की प्रतिस्पर्धात्मकता का भी पता लगाया जाएगा.

संघीय एजेंसी इन कदमों के असर का परिमाणात्मक विश्लेषण करेगी और भारतीय नीतियों की धारणाओं और उन नीतियों का भारत के लिए कंपनियों की रणनीति पर पड़ने वाले असर का पता लगाने के लिए अमरीकी कंपनियों का एक सर्वेक्षण भी करेगी.

एजेंसी ने कहा है कि सर्वेक्षण के परिणाम व्यापार, निवेश और अमरीकी अर्थव्यवस्था पर इन नीतियों के असर के परिमाणात्मक विश्लेषण के पूरक होंगे.

यूएसआईटीसी ने इस जांच के संदर्भ में 13 फरवरी को एक जन सुनवाई की योजना बनाई है. संघीय एजेंसी ने कहा है कि कांग्रेसनल समितियों को 30 नवंबर, 2014 तक जांच रपट सौंप दी जाएगी. अमरीका के लिये भारत का मध्यम वर्ग एक बहुत बड़ा बाजार है जिसे वह खोना नही चाहता है. तमाम कवायद इसी को लेकर है.

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