छत्तीसगढ़

नक्सली मुठभेड़ फर्जी-वरवरा राव

रायपुर | विशेष संवाददाता: माओवादी विचारक वरवरा राव ने छत्तीसगढ़ के सुकमा में 15 नक्सलियों के मारे जाने की घटना को फर्जी मुठभेड़ करार दिया है. उन्होंने कहा है कि इस घटना में जो माओवादी और आदिवासी घायल हुये हैं, उन्हें पर्याप्त चिकित्सा मुहैय्या कराया जाना चाहिये. उन्होंने इस बात से भी इंकार किया है कि इस मुठभेड़ में सीपीआई माओवादी का कोई सेंट्रल कमेटी सदस्य मारा गया है.

गौरतलब है कि आंध्रप्रदेश के ग्रेहाउंड पुलिस ने छत्तीसगढ़ में 15 नक्सलियों को मार गिराने का दावा किया था. पुलिस ने पांच महिलाओं समेत 9 नक्सलियों के शव बरामद किये थे. सुकमा जिले के जगरगुंडा से लगे हुये इलाके में हुये इस नक्सल-पुलिस मुठभेड़ को आंध्रप्रदेश के ग्रेहाउंड दस्ते ने अंजाम दिया. छत्तीसगढ़ पुलिस ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ पुलिस और आंध्रप्रदेश के ग्रेहाउंड दस्ते ने संयुक्त तौर पर यह कार्रवाई की है.

सुकमा के जगरगुंडा थाना क्षेत्र के अंतर्गत पुअर्ती जंगल के कांचाल में आंध्रप्रदेश के ग्रेहाउंड दस्ते ने घुस कर नक्सलियों पर हमला बोला. पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस स्थान पर नक्सली ग्रामीणों के साथ बैठक कर रहे थे. इसके बाद पुलिस ने चारों ओर से घेर कर नक्सलियों पर हमला बोला.

इस मुठभेड़ पर सवाल खड़े करते हुये हैदराबाद में रहने वाले माओवादी विचारक और कवि वरवरा राव ने कहा है कि यह मुठभेड़ फर्जी है. उन्होंने दावा किया कि इस मुठभेड़ में दो स्क्वायड सदस्य सुधाकर ऊर्फ रवि और पुष्पा मारे गये हैं, जो आंध्र प्रदेश के वारंगल जिले के थे.

इससे पहले पुलिस ने दावा किया था कि मारे गये नक्सलियों में से एक के राजी रेड्डी सीपीआई माओवादी के सेंट्रल कमेटी का सदस्य था. पुलिस के अनुसार करीमनगर के रहने वाले राजी रेड्डी पर भारी इनाम था और आंध्र प्रदेश के दो मुख्यमंत्रियों एन जनार्दन रेड्डी और एन चंद्राबाबू नायडू की की हत्या की कोशिशों में उसके शामिल होने की खबर थी.

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