प्रसंगवश

vip culture से मुक्ति कब?

रायपुर | जेके कर: देश को वीवीआईपी कल्चर से कब मुक्ति मिलेगी यह पूछने का समय आ गया है. केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री की सवारी के लिये हवाई जहाज से तीन सवारों को उतार दिया जाता है. इस कोशिश में हवाई जहाज देर से उड़ती है. एक मुख्यमंत्री के अफसर के वीजा में देर के कारण न्यूयार्क की फ्लाइट भी देर से उड़ने के लिये मजबूर कर दी जाती है. सवाल, मंत्रियों तथा बड़े संत्रियों के काम को आसान बना देने का नहीं उनके कारण आम जनता को हो रही परेशानी का है.

चुनाव जीतने के बाद हर जनप्रतिनिधि खास हो जाता है. दोष केवल भाजपा का नहीं है. आम आदमी पार्टी में भी उसके मुख्यमंत्री को इतना खास बना दिया जाता है कि उससे दिगर मत रखने वालों को निर्वासन पर भेज दिया जाता है.

कुल मिलाकर मामला चुनाव जीतने के पहले के आदमी तथा चुनाव जीतने के बाद के आदमी का है.

चुनाव जीतने के पहले जो व्यक्ति नुक्कड़ में खड़ा चाय पीता, पान खाता नज़र आता है, चुनाव जीतने के बाद 50,000 माह का वेतन भी उसके लिये कम पड़ने लगता है. उल्लेखनीय है कि महंगाई के कारण 50,000 रुपये वेतन पाने वाले सांसदों का गुजारा भी मुश्किल हो रहा है. इसलिए संसद की एक समिति ने सांसदों का वेतन व भत्ता बढ़ाने की सिफारिश की है. समिति के एक सदस्य ने बताया कि सांसदों के भत्ते में 75 से 100 फीसदी तक इजाफे की सिफारिश की गई है.

इसके अलावा इन सांसदों को संसद के सदस्यों को संसद सत्र के दौरान 2000 रुपये दैनिक भत्ता, यात्रा भत्ता और मुफ्त में रहने की सुविधा दी जाती है. उन्हें लैंडलाइन फोन से 50,000 मुफ्त फोन करने की सुविधा, 50,000 यूनिट मुफ्त बिजली और 4,000 किलोलीटर मुफ्त पानी मिलता है. अब भारतीय जनता पार्टी के सांसद योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली इस समिति ने पेंशन और संसद सत्र के दौरान दिए जाने वाले भत्तों में भी इजाफा करने की सिफारिश की है.

यह तय माना जा रहा है कि सांसदों के वेतन बढ़ाने के मुद्दे को निश्चिंत तौर पर विरोध का सामना नहीं करना पड़ेगा. न ही इसे किसी सिलेक्ट कमेटी के पास भेजना पड़ेगा न ही इसके प्रस्ताव को फाडा़ जायेगा. हां, इतना जरूर है कि इसे लेकर संसद में एकाध नूरा कुश्ती हो सकती है.

जिस महंगाई (?) से आम जनता दिनोंदिन पिस रही है उससे वीवीआईपी को जल्द छुटकारा मिलने जा रहा है.

इन तमाम घटती घटनाओं से वह आदमी ठगा सा खड़ा रह गया है जिससे अच्छे दिन का वादा किया गया था.

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