छत्तीसगढ़

पानी के अभाव में ‘सूखता छत्तीसगढ़’

रायपुर | सीजीखबर मुहिम: ‘उड़ता पंजाब’ के विवाद के बीच लोग सूखते हुये छत्तीसगढ़ को भूल से गये हैं. जबकि उन्हें रोज उससे दो-चार होना पड़ता है. ऐसा महसूस हो रहा है कि जल्द ही नेस्ले के पूर्व सीईओ पीटर ब्राबेक लेटमेथे के दावे के अनुसार पानी मानव का अधिकार न रहकर निजीकरण तथा नियंत्रित करने वाली चीज होकर रह जायेगी. छत्तीसगढ़ के अधिकांश शहरों में पानी का स्तर जमीन के और नीचे चला गया है. घर में जिन लोगों ने बोर खुदवाई थी उसमें पानी के बदले हवा निकल रही है.

छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में रहने वाले किसान नेता नंदकुमार कश्यप ने सीजीखबर से कहा कि बिलासपुर का ग्राउंड वाटर 10-15 मीटर नीचे चला गया है. लोगों को पानी मुहैय्या कराने के लिये नगर निगम 300-400 फीट गहरे बोर से पानी निकालकर सप्लाई कर रहा है. इससे अगले साल पानी का स्तर और नीचे गिरना तय है. उन्होंने कहा कि यदि इस साल वर्षा के पानी को रोककर नहीं रखा जा सका तो अगले साल शहर में त्राहि मच जायेगी.

उन्होंने कहा कि पहले अरपा नदी से पानी लेकर नरग निगम सप्लाई किया करती थी अब हर मुहल्ले में गहरे-गहरे बोर करके पानी की सप्लाई की जा रही है इससे घरेलू बोर जो 100-125 फीट के हैं सूख गये हैं.

नंदकश्यप ने एक पुरानी कहावत का उदाहरण देते हुये कहा कि पहले कहा जाता था कि यदि राजा भी अपने खजाने में कुछ न भरके केवल उसे लुटाता रहेगा तो एक दिन वह भी खाली हो जाता है. ठीक उसी तरह से बिलासपुर के ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करने की जरूरत है केवल जमीन से पानी निकालते जाने से यह स्थिति आनी ही थी.

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में पानी को लेकर जन जागरण फैलाने का काम करने वाले गणेश कछवाहा ने सीजीखबर को बताया कि रायगढ़ जिले के करीब 100 सरकारी बोर सूख गये हैं. इसके अलावा कई विकासखंड तथा ग्राम पंचायतों से खबरें आ रही है कि वहां के हैंड पंप से पानी नहीं निकल रहा है. नदी तथा तालाब भी सूख गये हैं लोग आखिर पानी के लिये कहां जाये.

उन्होंने बताया कि सर्वे करने पर ज्ञात हुआ है कि रायगढ़ के करीब 26-30 बड़ी औद्योगिक ईकाइयों ने 300-400 फीट गहरे बोर खोद रखे हैं तथा उनसे पानी निकाल रहे हैं जिससे हैंड पंप तथा कम गहराई वाले बोर सूख गये हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने इसी कारण से करीब 34 बोर को बंद करा दिया है. उसके बाद भी रायगढ़ की जनता पानी के लिये तरस रही है.

गणेश कछवाहा ने सीजीखबर को बताया कि रायगढ़ में जिंदल, मोनेट जैसे करीब 25 बड़े उद्योग लगे हैं जिन्होंने गहरे-गहरे बोर कर रखे हैं.

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रहने वाले नदी घाटी मोर्चा के संयोजक गौतम भट्टाचार्या ने सीजीखबर को बताया कि मूलतः समूचे छत्तीसगढ़ में भूजल के स्तर के गिरने का कारण इसका अत्याधिक दोहन है. उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ में ताप विद्युत संयंत्रों की बाढ़ सी आ गई है. जिसके कारण भूजल का बड़े स्तर पर दोहन हो रहा है अंततः इसका खामियाजा छत्तीसगढ़ की जनता को भुगतना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि बड़ी औद्योगिक ईकाइयों द्वारा भूजल के अत्याधिक दोहन के कारण तालाब तक सूख गये हैं. हैंड पंप सूख गये हैं. रायपुर में जहां देखो वहीं के हैंड पंप तथा बोर में पानी नहीं आ रहा है.

बिलासपुर के रहने वाले प्रथमेश मिश्रा ने सीजीखबर को बताया कि भूजल के स्तर के गिरने का मुख्य कारण मानव के स्तर का गिर जाना है. उन्होंने मुद्दे को समझाते हुये कहा कि प्रकृति देती पर उसका अत्याधिक दोहन समस्यायें पैदा करती है. मिश्रा जी ने कहा कि शेर भी भूख लगने पर ही शिकार करता है परन्तु मनुष्य फ्रीज में एक माह का खाना जमा करके रखता है. यह है दोहन, जिसे प्रकृति पर लागू करने का खामियाजा हम भुगत रहे हैं.

प्रथमेश मिश्रा ने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में रेल्वें की नालियों में केवल दीवारे बना दी जाती थी उसके नीचे ढलाई नहीं की जाती थी. जिससे नाली का पानी भूजल को रिचार्ज करता रहता था. आज के समय न जाने क्यों हर नाली के नीचे कंक्रीट की ढलाई कर दी जाती है जिसके कारण वर्षा का जल जाकर नदी में मिल जाता है, भूजल की रिचार्जिंग नहीं हो पाती है.

उन्होंने पानी की समस्या से निजात पाने के लिये पूर्वजों के द्वारा बताये रास्ते पर चलने को कहा. प्रथमेश मिश्रा ने कहा कि तालाब तथा बावड़ियों में वर्षा का जो जल जाकर गिरता था उसे कंक्रीट के द्वारा बंद कर दिया गया है. इस कारण से तालाब तथा बावड़ियां नहीं भर पाती है जबकि वे ही भूजल के स्तर को वास्तव में बनाकर रखती है.

प्रथमेश मिश्रा ने कहा पानी की समस्या से निजात पाने के लिये भूजल के दोहन को एक ओर कम करना पड़ेगा तो दूसरी ओर भूजल के स्तर को बनाये रखने के लिये वर्षा के पानी को जमीन में जाने देना होगा. जाहिर है कि जनता को एकजुट होकर पानी को जमीन में जाने देना होगा, भूजल का अत्याधिक दोहन बंद करना होगा अन्यथा पीने के पानी के लिये भी हम एक दिन निजी कंपनियों पर निर्भर हो जायेंगे जिसके सीईओ पीटर जैसे जल्लाद होते हैं.

error: Content is protected !!