राष्ट्र

पत्रकार हत्या का व्यापक विरोध

सिवान | समाचार डेस्क: अपने पत्रकार की हत्या के विरोध में हिन्दुस्तान अखबार काले रंग में प्रकाशित हुआ. पुलिस ने चार संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है तथा उनसे पूछताछ की जा रही है. वहीं मृतक पत्रकार के परिजनों ने सीबीआई से जांच कराने की मांग की है. बिहार के अलावा देशभर में पत्रकारों में सिवनी में पत्रकार राजदेव रंजन की सरेआम हत्या कर दिये जाने के खिलाफ़ रोष है. पुलिस इस मामले का जल्द ही खुलासा करने का दावा कर रही है. इस बीच पत्रकार संगठनों ने राजधानी पटना सहित विभिन्न स्थानों पर आक्रोश मार्च निकाला.

सिवान के पुलिस अधीक्षक सौरभ कुमार शाह ने शनिवार को बताया कि राजदेव रंजन हत्या मामले में अभी तक चार संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई. अभी दो लोगों से पूछताछ जारी है.

इधर, मीडिया के लोगों से बातचीत में मृतक के परिजनों ने इस हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की है. परिजनों ने कहा कि रंजन का किसी से कोई विवाद नहीं था. परिजनों ने बिना किसी का नाम लिए हत्या के पीछे किसी राजनीतिक साजिश का अंदेशा जाहिर करते हुए पूरे मामले की सीबीआई से जांच की मांग की है.

सिवान में दैनिक हिन्दुस्तान के ब्यूरो चीफ रंजन शुक्रवार को कार्यालय से घर लौट रहे थे, तभी सिवान रेलवे स्टेशन के नजदीक अपराधियों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी.

इधर, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सिवान पहुंच मृतक के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें ढाढस बंधाया. इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मोदी ने भी मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की.

राज्य के पुलिस महानिदेशक पी़. के. ठाकुर ने कहा कि अपराधियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस हत्या पर गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने पुलिस अधिकारियों को घटना के हर पहलू की गहराई से जांच कर निष्कर्ष तक पहुंचने का निर्देश दिया है.

पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के विरोध में पत्रकार सड़क पर उतर गए हैं. पटना में श्रमजीवी पत्रकार यूनियन कार्यालय से डाकबंगला चौराहे तक पत्रकारों ने आक्रोश मार्च निकाला. पत्रकारों द्वारा मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपये बतौर मुआवजा, मृतक के आश्रितों को सरकारी नौकरी और हत्यारों केा जल्द गिरतार कर सजा दिलवाने की मांग की गई.

सिवान में पत्रकारों ने मौन जुलूस निकाला और हत्या के विरोध में काला बिल्ला लगाया.

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