राष्ट्र

मोदी को वीजा न दे: अमरीकी अधिकारी

वाशिंगटन | एजेंसी: अमरीकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग की उपाध्यक्ष कैटरीना लैंटोस स्वेट ने न्यूयार्क टाइम्स से कहा है कि, “देश के बाहर या किसी व्यक्ति की इसमें कोई भूमिका नहीं है कि भारत का अगला नेता कौन होना चाहिए. लेकिन मेरा यह मानना है कि भारत के लोगों को इस पर बहुत ध्यान से सोचना होगा कौन अगला प्रधानमंत्री बनना चाहता है.”

ज्ञात्वय रहे कि यह सरकारी आयोग पूरी दुनिया में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लघंन की निगरानी करता है और अमेरिकी राष्ट्रपति, विदेश मंत्री और कांग्रेस के लिए गैर बाध्यकारी नीतियां बनाता है.

उन्होने आगे कहा कि “निश्चित ही हमारी न्याय व्यवस्था में आप दोषी नहीं पाए जा सकते, लेकिन यह निर्दोष होने की स्थिति नहीं है. इन घटनाओं के संदर्भ में हमें अपने कानून का पालन करना चाहिए जिसके मुताबिक हमें वीजा नहीं देना चाहिए.” यह जवाब इन्होनें इस प्रश्न के उत्तर में दिया कि मोदी के खिलाफ न्यायालय में कोई सबूत पेश नही किया जा सका है.

गौर तलब है कि अपने गोवा में संपन्न बैठक में भाजपा ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को लोकसभा चुनाव के लिये अप्रत्यक्ष तौर पर प्रधानमंत्री घोषित कर रखा है. हालांकि इससे भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी खफा बताये जा रहें हैं.

राजनीतिक हल्कों की माने तो भाजपा चाहती है कि मोदी पर लगे 2002 के गुजरात दंगों के आरोप धुल जाये. इससे पहले मोदी को गुजरात दंगों में शामिल होने के आरोप के चलते अमरीका में प्रवेश से रोक दिया गया था.

इस अमरीकी अधिकारी का बयान ऐसे समय आया है जब मोदी का प्रचार जोर पकड़ रहा है तथा वे प्रधानमंत्री बनने की आस लगाये बैठें हैं. अब कांग्रेस पार्टी को भी मोदी के खिलाफ बैठे बैठाये मुद्दा मिल गया है.

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