विविध

हर व्यक्ति का अपना स्वाद-योगी

लखनऊ| डेस्क: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि वे किसी के स्वाद पर प्रतिबंध के पक्ष में नहीं हैं. उनका कहना है कि उनकी सरकार ने केवल अवैध बूचड़खानों को बंद किया है, जिसका आदेश सुप्रीम कोर्ट ने ही दिया था. उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांचजन्य अखबार को दिये एक साक्षात्कार में विस्तार से चर्चा की है. यहां हम पांचजन्य से साभार योगी आदित्नाथ का साक्षात्कार प्रकाशित कर रहे हैं.

बहुमत तो मिला, मगर आपके बागडोर थामते ही विदेशी अखबारों में और भारत के भीतर भी एक तबके ने शोर भी मचाया. जनता के उत्साह के बरअक्स आलोचनाओं की इस लहर को आप कैसे देखते हैं?

देखिए, जिन्हें भारत की सुख-समृद्धि अच्छी नहीं लगती, जिन्हें इस देश में अंतिम व्यक्ति की खुशहाली देखकर अच्छा नहीं लगता, स्वाभाविक रूप से वे नकारात्मक टिप्पणियां करेंगे. भारतीय जनता पार्टी को मिला प्रचंड बहुमत हमें एक नयी जिम्मेदारी के साथ बांधता है. बताता है कि हमारे कार्य की दिशा क्या होनी चाहिए. स्वाभाविक रूप से पहले से स्पष्ट है कि हम उत्तर प्रदेश के अंदर एक प्रचंड जनादेश को हासिल करने में इसलिए सफल हुए हैं क्योंकि केन्द्र में मोदी जी के नेतृत्व की सरकार ने उस प्रकार के कार्यक्रम किये हैं. स्वाभाविक रूप से उसी नक्शेकदम पर उत्तर प्रदेश की सरकार भी चलेगी और उसी का अनुसरण करते हुए आगे बढ़ेंगे. हम केन्द्र की योजनाओं को आमजन तक पहुंचाएंगे ही, राज्य सरकार के स्तर पर भी इस प्रकार की योजनाओं को लेकर जाएंगे. जिससे समाज का अंतिम व्यक्ति बिना भेदभाव के लाभ पा सके और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित हो सके. साथ ही संगठन की जो रणनीति तैयार की गयी है, उसके साथ एक बेहतर समन्वय करके शासन की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाएंगे.

कदम-कदम पर कैमरे, पल-पल की खबरें. योगी आदित्यनाथ से जुड़े नए पुराने हर मुद्दे की बारीक खंगाल! उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने बारे में मीडिया की इस अतिसक्रियता को कैसे देखते हैं?

देश के अंदर ऐसे बहुत लोग हैं जिन्हें भगवा रंग से एक प्रकार का परहेज है, स्वाभाविक रूप से उनको बुरा लगेगा कि यह भगवाधारी उत्तर प्रदेश में आ गया है. अब तक जो इस देश के अंदर सेकुलरिज्म के नाम पर, तुष्टीकरण के नाम पर देश की परंपरा और संस्कृति को अपमानित कर रहे थे, देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे थे, उनको अपने अस्तित्व पर खतरा दिखाई दे रहा है. स्वाभाविक रूप से वे हर प्रकार की नकारात्मक टिप्पणी करेंगे. मेरे बारे में अनेक प्रकार की भ्रांतियां पैदा की जाती हैं. बहुत से लोग बोलते हैं कि यह भगवाधारी हैं, लेकिन हमें इसकी परवाह नहीं है. हमारा कार्य बताएगा, हम क्या हैं. हम अपनी कार्यपद्धति के मार्ग से समाज के हर तबके का दिल जीतेंगे. उनके सामने शासन की कार्ययोजना लेकर जाएंगे और अब तक हुए अन्याय का परिष्कार भी करेंगे. हम एक नये परिमार्जन के माध्यम से समाज को सुख और समृद्धि के मार्ग पर अग्रसर करेंगे.

प्रदेश में पिछली सत्ता के दौरान भर्तियों का मामला हो या विकास योजनाओं का, चीजें बुरी तरह गड़बड़ा गर्इं. ऐसे में आपकी प्राथमिकताएं क्या हैं? सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य, रोजगार, शिक्षा… विकास की चाबी क्या है?

मैंने अपनी पूरी मंत्री परिषद को साफ कहा है कि इस प्रदेश में पिछले पन्द्रह वर्षों में जो कुछ भी हुआ है, उसको एक बार आप देखें. हम लोगों ने समाज को प्राथमिकता भी दी और सबके सामने कहा भी कि सत्ता हमारे लिए मौज-मस्ती का साधन नहीं है. राजनीति में हम लोग इसलिए नहीं आये हैं कि किसी पद या प्रतिष्ठा के लिए भागें. महर्षि अरविंद ने एक बड़ी महत्वपूर्ण बात कही थी कि आज के युग में हमारा प्रधान धर्म है-राष्ट्र रक्षा. यानी राष्ट्र ही धर्म का आधार है. अगर राष्ट्र रहेगा तो धर्म रहेगा. तो राष्ट्र रक्षा हमारा प्रधान धर्म है. यह मानवता का केन्द्रबिंदु भी है और यही नहीं, हम राष्ट्र रक्षा को ध्यान में रखकर कार्य कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश के अंदर भ्रष्टाचार मुक्त शासन देना, गुंडाराज से मुक्त व्यवस्था स्थापित करना हमारा लक्ष्य है. इसको लेकर कार्ययोजना बनानी प्रारंभ कर दी है, उसे तेजी के साथ लागू करना भी प्रारंभ कर दिया है. 2 महीने में आपको परिवर्तन दिखायी देगा.

बिहार से तो पलायन की खूब चर्चा होती है, मगर बुंदेलखंड जिसे देश का सबसे पिछड़ा हिस्सा माना जाता है, उसकी पर्याप्त चर्चा नहीं होती. संप्रग सरकार के समय की एक रपट बताती है कि करीब 32 लाख लोग यहां से पलायन को मजबूर हुए. अब तक चीजें दबी रहीं? क्या इसके लिए अलग से कोई कार्ययोजना है?

क्यों नहीं, बुंदेलखंड और पूर्वांचल सहित प्रदेश की 22 करोड़ की आबादी में सभी को ध्यान में रखकर योजनाएं बन रही हैं. लेकिन फिर भी पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड पर विशेष ध्यान देंगे. बुंदेलखंड विकास बोर्ड, पूर्वांचल विकास बोर्ड बनाकर हमने मंत्री परिषद की पहली बैठक में इस बात को रखा कि बुंदेलखंड में इस समय पानी की समस्या आएगी. वहां हमें ध्यान रखना है कि कोई व्यक्ति यहां तक कि पशु भी प्यासा न रहे. खेतों में पानी पहुंचाने को लेकर कार्ययोजना तैयार हो रही है. एक टीम दौरा करके आ चुकी है, दूसरी टीम पुन: वहां जा रही है. हम बुंदेलखंड की समस्या का समाधान निकालने में लगे हैं. समीक्षा का मेरा पहला दौरा बुंदेलखंड से ही प्रारंभ होने जा रहा है.

…तो इस मानसून में उम्मीद की जाए, राहत की पहली फुहार पड़ेंगी?

मेरी समीक्षा का आधार यही होगा कि हमारे मंत्रीमंडल के सहयोगियों ने वहां जाकर कार्ययोजनाओं का जो खाका तैयार किया होगा, उसके तहत वहां की जनता को राहत प्रदान करना हमारी प्राथमिकता होगी. पूर्वी उत्तर प्रदेश की दृष्टि से भी पूर्वांचल विकास बोर्ड के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश में जो भी समस्याएं हैं, बाढ़ की, बंद हो रही चीनी मीलों की, इनसेफेलाइटिस जैसी बीमारियों की, तो हम लोग पूरी योजना के साथ इन सबके समाधान का मार्ग निकाल रहे हैं. उत्तर प्रदेश से पलायन रोकने के लिए हम यहां एक नयी औद्योगिक नीति लाने जा रहे हैं. मुझे अत्यंत प्रसन्नता है कि अभी हमने अपनी मंत्रिपरिषद में चर्चा की है. अब निवेशकों के फोन आने शुरू हो गये हैं, पर हमने कहा है कि पहले हम लोगों को बैठकर मानसिक रूप से तैयारी करने दीजिए. फिर लोगों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित करेंगे. प्रदेश में उन्हें सुरक्षा देंगे. उत्तर प्रदेश में पूंजी निवेश के लिए उन्हें उचित मंच देंगे. हम ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ लागू करने जा रहे हैं. इसके माध्यम से कहीं दिक्कत नहीं होगी. हमारी एक शर्त होगी कि 90 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को मिले. उन्हें हमें इसकी गारंटी देनी होगी.आगे पढ़ें

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