विविध

हर व्यक्ति का अपना स्वाद-योगी

कई राज्य प्रवासियों को, विदेशियों को अपने यहां बुलाते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश आने वाले विदेशी ताजमहल देखकर लौट जाते हैं. उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश कब आएगा?

हमने एक एनआरआई विभाग बनाया है. अन्य राज्यों में यह नहीं होता, पर हमने यहां बनाया है. उसमें हमने एक मंत्री नियुक्त किया है. उ.प्र. सरकार राज्य के जितने भी आप्रवासी हैं, उन सबको पूंजी निवेश करने का आमंत्रण देगी. वाइब्रेंट गुजरात की तर्ज पर वाइब्रेंट यूपी भी होगा, जिससे यहां भी एक नया वातावरण बने.

राज्य में सैकड़ों की संख्या में दंगे हुए. इनके पीछे प्रशासनिक ढिलाई रही या कुछ और वजह थी?

उत्तर प्रदेश में पिछली सरकार का मिजाज वैसा था. सत्ता गलत हाथों में थी. जब सत्ता दंगाइयों को संरक्षण देगी, जब दंगाइयों को राज्य के विमान से बुलाकर सम्मानित करेगी तो उस प्रकार के तत्वों का दुस्साहस बढ़ेगा. हमने प्रशासन से कह दिया है कि हर विभाग का फाइल इंडेक्स तैयार हो जाए कि फाइल कब आ रही, कब जा रही है. दूसरा, चेहरा देखकर कार्रवाई न करें. अपराधी कोई भी हो, सख्ती से निबटो, कहीं भेदभाव की शिकायत आएगी तो जवाबदेही सुनिश्चित कर लें. लोग बेचैन हैं कि हमने अभी तक किसी को नहीं बदला है. हमने कहा है कि यही प्रशासन काम कर सकता है, जरूरत बस काम देने की है. आवश्यकता होगी तो हम स्थानांतरण करेंगे लेकिन वह एक उद्योग न हो, कमाई का जरिया न बने. यह सब एक सिरे से खारिज होगा. जो काम कर सकता है वह यहां रहेगा, जो काम नहीं करेगा वह अपना रास्ता देखे.

कुछ लोग कहते हैं, अवैध मांस बेचने वालों पर सख्ती करके आपने कई लोगों के तय ढंग-ढर्रे और स्वाद में खलल डाल दिया. क्या कहेंगे इस बारे में?

मैं अपनी तरफ से कुछ भी नहीं कर रहा हूं. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 2015 में और माननीय उच्चतम न्यायालय ने 2017 में उत्तर प्रदेश के अवैध बूचड़खानों पर तमाम टिप्पणियां कीं और राज्य सरकार को कुछ निर्देश दिये थे. हमने इसी तर्ज पर अपनी कार्रवाई प्रारंभ की है. अवैध को आप वैध नहीं बोल सकते. शासन के स्पष्ट निर्देश हैं. जो मानक को पूरा कर रहा है, लाइसेंस है, उसे कोई नहीं छेड़ेगा. अगर छेड़ेगा तो दंड का अधिकारी होगा. लेकिन जो अवैध है वह तो अवैध है ही. दूसरे, अवैध बूचड़खाने के नाम पर जन स्वास्थ्य खराब करने की छूट नहीं दी जा सकती. हमने वैधानिक तरीके से कार्रवाई की है. एनजीटी और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को ध्यान में रखकर हमने यह किया है. निर्दोष को कोई परेशान नहीं कर सकता, इसके लिए मैं हरेक व्यक्ति को आश्वस्त कर सकता हूं. साथ ही यह भी कहता हूं कि प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती.

अभी सोशल मीडिया पर किसी ने कहा, ‘‘पहली बार अलीगढ़ आया हूं और कद्दू की सब्जी खानी पड़ी’’…

यह तो अच्छी बात है. कोई शाकाहारी बनेगा तो स्वस्थ भी रहेगा. फिर भी लोगों की अपनी आवश्यकता हो सकती है. लेकिन मैं यह मानता हूं कि व्यक्ति जितना सात्विक होगा, उतना सदाचारित होकर काम करने में आनंदित हो सकता है. किन्तु हर व्यक्ति का अपना स्वाद हो सकता है. मैं किसी व्यक्ति पर कुछ बोल भी नहीं सकता और प्रतिबंध भी नहीं लगा सकता. मुझे कोई अधिकार नहीं है. भारत के संविधान ने उनको स्वतंत्रता दी है, पर एक दायरे में रहकर. जो चीजें अवैध हैं, उनके मामले में अदालत के आदेश का अक्षरश: पालन करने के लिए सरकार कटिबद्ध है. कानून का राज कैसे होना है, यह हम तय करेंगे.

देश में जगह-जगह से रिपोर्ट मिलती हैं कि अवैध बूचड़खानों का प्रदूषित पानी और खून बोरिंग के जरिए जमीन में वापस डाल दिया जाता है जो भूजल से मिलता है. इधर अवैध बूचड़खानों पर सख्ती के अतिरिक्त आपने कहा कि गोमती में गिरने वाले नालों को भी बंद कर देंगे. भूजल और नदियों के लिए आपकी विशेष चिंता है.

हमारे सामने दोनों प्रकार की चिंताएं हैं. प्रधानमंत्री जी का ड्रीम प्रोजेक्ट है नमामि गंगे. तो गंगा मैया सर्वाधिक उत्तर प्रदेश से होकर बहती है, यह हम सबका सौभाग्य है. तो नमामि गंगे प्रोजेक्ट के अंतर्गत गंगा और उसकी सहायक नदियों को भी प्रदूषण से मुक्त करना है. गोमती तो लखनऊ की जान है. यहां की पहचान है. पीलीभीत से चलकर यह जौनपुर में आकर मिलती है. मैंने गोमती रिवर फ्रंट का स्वयं निरीक्षण किया है. यह देखकर बहुत अफसोस होता है कि इस प्रोजेक्ट में 1400 करोड़ रु. खर्च होने के बावजूद भी एक प्रकार का मजाक हुआ है. ताज्जुब होता है कि क्या विकास इसी को कहते हैं? इसकी जांच होनी चाहिए. जनता के पैसे की लूट की छूट किसी को भी नहीं मिलेगी. अगर इस प्रकार की लूट कहीं पाई गई तो देखना, उसकी संपत्ति जब्त करवा देंगे और सब सरकारी खजाने में चला जाएगा.

जो प्रशासनिक अमला सालों साल सोता रहा था उसमें चुनाव नतीजों के बाद अचानक स्फूर्ति आ गई. नौकरशाही को आपका तरीका बहुत जल्दी समझ में आ गया. इसे आप कैसे देखते हैं?

यह व्यक्ति के ऊपर निर्भर होता है. नेतृत्व क्या चाहता है. क्या वह स्वस्थ दिमाग से, सही अंत:करण से आदेश कर रहा है, इशारा कर रहा कि नहीं. आखिर टीम तो वही है. हमने कोई बदलाव नहीं किया है. यदि आप अनैतिक चीजों को कमाई का जरिया बना देंगे तो कार्य कैसे होगा? अब उत्तर प्रदेश में ये सब नहीं हो सकता है. अनैतिक, अवैध के लिए उत्तर प्रदेश में कोई स्थान नहीं होगा. हम ये सुनिश्चित कर चुके हैं. उत्तर प्रदेश नई दिशा की ओर बढ़ चुका है.

भाजपा के विरुद्ध प्रदेश में महागठबंधन को आकार देने की छटपटाहट शुरू हो गयी है. इस पर आपका क्या कहना है?

ये जो महागठबंधन बनाने की कवायद है, यह इस बात को प्रदर्शित करती है कि वे लोग अपनी हार मान चुके हैं. जो वास्तविक रूप में हो नहीं सकता है, उसे बनाने की कवायद कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी अपने कार्यों और जनता के प्रति अपने कर्तव्यों के माध्यम से 2019 में प्रचंड बहुमत के साथ पुन: जीतेगी.आगे पढ़ें

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