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अंग्रेजी में बोल बुरे फंसे नवाज़ शरीफ़

इस्लामाबाद | समाचार डेस्क: संयुक्त राष्ट्र महासभा में नवाज शरीफ अंग्रेजी में भाषण देकर बुरे फंस गये हैं. उन्हीं के देश में उनपर उर्दू में भाषण ने देने के कारण सर्वोच्य न्यायालय में अवमानना की याचिकी लगाई गई है. एक तो संयुक्त राष्ट्र में नवाज़ शरीफ की भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के सामन कोई उपलब्धि नहीं रही उलट उनपर अवमानना का केस ठोंक दिया गया है. संयुक्त राष्ट्र के 70वें आम सभा सत्र में अंग्रेजी में भाषण देने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दर्ज कराई गई है. मीडिया में रविवार को जारी एक रपट में यह जानकारी दी गई.

‘डॉन’ की रपट के मुताबिक, याचिका दर्ज कराते हुए याचिकाकर्ता जाहिद घानी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सर्वोच्च न्यायालय के आठ सितम्बर के उस आदेश का उल्लंघन किया है, जिसमें प्रांतीय और संघीय सरकारों को बिना देर किए आधिकारिक और अन्य कार्यो के लिए उर्दू का इस्तेमाल करने को कहा गया था.

याचिकाकर्ता के मुताबिक, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित अन्य देशों के प्रमुखों ने संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन को अपनी राष्ट्रीय भाषाओं में ही सम्बोधित किया.

याचिका में कहा गया कि शरीफ ने अपराध किया है, इसलिए उन्हें सजा मिलनी चाहिए.

अपनी याचिका में घानी ने कहा कि प्रधानमंत्री शरीफ आठ सितम्बर के फैसले के बारे में जानते थे, इसलिए शीर्ष अदालत को उन्हें नेशनल एसेम्बली की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर देना चाहिए.

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