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DHAKA: मरने वाले बंधकों में एक भारतीय

ढाका | समाचार डेस्क: ढाका हमलें में मरने वालों में एक भारतीय किशोरी भी शामिल है. इस किशोरी का नाम तारुषी जैन है तथा वह फैजाबाद की रहने वाली है. इस बात की पुष्टि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने की है. बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एक रेस्तरां में शनिवार को आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने बंधक बनाए गए जिन 20 विदेशी नागरिकों की निर्मम हत्या कर दी, उनमें भारत की एक किशोरी भी शामिल है.

हालांकि सुरक्षा बलों ने 13 बंधकों को मुक्त करा लिया और छह हथियारबंद आतंकवादियों को मार गिराया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी है. इसके साथ ही बीती रात से छाया आतंक का दहशत खत्म हो गया. उल्लेखनीय है कि यह रेस्तरां स्थानीय निवासियों के साथ ही विदेशी पर्यटकों के बीच भी काफी लोकप्रिय रहा है.

विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद की रहने वाली तारुषी जैन की इस आतंकवादी हमले में मौत की पुष्टि की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से बात की और हमले की कड़े शब्दों में निंदा की.

प्रधानमंत्री ने इसके बाद कई ट्वीट किए, जिसमें उन्होंने कहा, “मेरी आत्मा शोकाकुल परिवारों के साथ है. मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना करता हूं.”

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, “ढाका में हुए आतंकवादी हमले से हमें अथाह दुख हुआ है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. मैंने प्रधानमंत्री शेख हसीना से बात की और इस घृणित हमले की कड़े शब्दों में निंदा की.”

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, “भारत बांग्लादेश के अपने भाइयों और बहनों के दुख में उनके साथ खड़ा है.”

स्वराज ने अपने ट्वीट में लिखा, “मैं गहरे सदमे में हूं, यह बताते हुए दुख हो रहा है कि आतंकवादियों ने बंधक बनाई गई भारतीय किशोरी तारुषि जैन की हत्या कर दी.”

उन्होंने लिखा, “मैंने उसके पिता संजीव जैन से बात की और गहरी संवेदना जताई. दुख की इस घड़ी में पूरा देश उनके साथ है.”

उधर ढाका में सैन्य अभियान के निदेशक ब्रिगेडियर जनरल नईम अशफाक चौधरी ने पत्रकारों को बताया, “अधिकतर लोगों की हत्या धारदार हथियारों से निर्मम तरीके से की गई है.”

उन्होंने कहा कि सैन्य बलों और आतंकवादियों के बीच जारी गतिरोध खत्म करने के लिए चलाया गया ‘ऑपरेशन थंडरबोल्ट’ सफलतापूर्वक समाप्त हो गया और पीड़ितों के शव रेस्तरां के फर्श पर पड़े पाए गए, जहां चारों ओर खून, धारदार हथियार, जिंदा आईईडी विस्फोटक और एक संचार उपकरण बिखरा हुआ था.

अधिकारी अभी मृतकों की नागरिकता का पता लगाने में जुटे हुए हैं.

रैपिड एक्शन बटालियन के कमांडर तुहीन मोहम्मद मसूद ने कहा, “हमने छह आतंकवादियों को मार गिराया और एक अन्य घायल हथियारबंद व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है.”

ढाका के उच्च सुरक्षा वाले गुलशन राजनयिक क्षेत्र के होली आर्टिजन बेकरी में भारी हथियारों से लैस हमलावरों के घुसने के बाद सरकारी बलों और इस्लामिक स्टेट (आईएस) के संदिग्ध आतंकवादियों के बीच शुक्रवार शाम मुठभेड़ शुरू हो गई थी, जिसमें दो पुलिसकर्मियों की भी जान चली गई.

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आतंकवादी हमले को ‘जघन्य अपराध’ की संज्ञा देते हुए इसकी निंदा की है और उन्होंने कहा कि 13 बंधकों को बचा लिया गया है.

हसीना ने राष्ट्र के नाम टेलीविजन पर दिए अपने संबोधन में कहा, “ये किस तरह के मुसलमान हैं? इनका कोई धर्म नहीं है. लोगों को इन आतंकवादियों का विरोध करना चाहिए. मेरी सरकार बांग्लादेश से आतंकवाद को उखाड़ फेंकने को लेकर प्रतिबद्ध है.”

अधिकारियों का कहना है कि मुक्त कराए गए 13 बंधकों में कई विदेशी नागरिक हैं, जिनमें जापान का एक नागरिक और श्रीलंका के दो नागरिक शामिल हैं. आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए गए लोगों में कम से कम आठ जापानी नागरिक थे.

बांग्लादेश में सक्रिय आईएस की शाखा ने अपनी समाचार एजेंसी ‘एमाक’ के जरिए हमले की जिम्मेदारी ली है और कहा है कि हमले में ‘विभिन्न देशों के 24 नागरिकों की हत्या कर दी गई है और 40 अन्य घायल हुए हैं’.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हथियारबंद आतंकवादी ‘अल्लाहू अकबर’ का नारा लगाते हुए रेस्तरां में घुसे और घुसते ही उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी. रेस्तरां में काम करने वाले सुमन रेजा ने बताया कि जैसे ही हमलावर रेस्तरां में घुसे वह बाहर भागकर बच निकले.

समाचार वेबसाइट ‘डेली स्टार’ के अनुसार, बंधकों से कुरान की आयतें सुनाने के लिए कहा जा रहा था और जिन बंधकों ने कुरान की आयतें सुनाईं, उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाया गया.

बंधकों में शामिल हसनत करीम के पिता रियाजुल करीम के हवाले से डेली स्टार ने कहा, “अन्य बंधकों को हमलावरों ने प्रताड़ित किया.” रियाजुल अपनी 13 वर्षीय बेटी का जन्मदिन मनाने के लिए अपनी पत्नी और आठ वर्षीय बेटे रायन के साथ रेस्तरां में थे.

बांग्लादेश में आतंकवादियों द्वारा विदेशी नागरिकों को बंधक बनाए जाने की यह पहली घटना है. हालांकि बीते कुछ समय से आईएस और अल-कायदा से संबद्ध आतंकवादियों द्वारा बांग्लादेश में लगातार उदारवादी विचारकों, लेखकों, कार्यकर्ताओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है.

हमले से कुछ ही घंटे पहले शुक्रवार को बांग्लादेश में एक हिंदू पुजारी की हत्या कर दी गई थी.

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