बिलासपुर

ट्रेन अग्निकांड: जाँच 4 सदस्यीय टीम को

बिलासपुर | संवाददाता: सोमवार को डोंगरगढ़ स्टेशन के यार्ड में खड़ी मेमू ट्रेन में लगी आग की जाँच के लिए रेलवे ने जे ग्रेड की चार सदस्यीय टीम का गठन किया है. टीम में एडिशनल सीएससी मुनव्वर खुर्शीद, डिप्टी चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर (लोको) आरके साहू, डिप्टी सीओएम कोचिंग केवीआर मूर्ति व डिप्टी चीफ सेफ्टी अफसर अनिल कुमार शामिल हैं.

नागपुर रेलवे डिवीज़न के अंतर्गत आने वाले इस स्टेशन में ट्रेन में आग की खबर लगते ही तकनीकी अफसर भी पहुँच गए थे लेकिन आग के नुकसान को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा सका. इसके अलावा स्टेशन अधीक्षक एसजी जकारिया भी खबर मिलते ही पहुंचे लेकिन उनके पहुँचने तक तीन बोगियों में आग लग चुकी थी.

एसडीएम लोकेश चंद्राकर की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि यदि समय पर ट्रेन की कपलिंग खोल दी जाती तो इसके बाद जली कम से कम पांच बोगियां तो जलने से बच सकती थी.

रिपोर्ट कहती है कि रेलवे के आपदा प्रबंधन ने वहां कोई काम नहीं किया सिर्फ दमकल का रास्ता देखते रह गए. कर्मचारी जल्द ही दोनों तरफ के इंजन के डिब्बों को काटकर अलग कर सकते थे लेकिन कर्मचारी तमाशबीन बनकर दूर खड़े देखते रहे.

इधर इस मामले में स्टेशन अधीक्षक जकारिया का कहना है कि मेमू ट्रेन की कपलिंग खोलने में कम से कम डेढ़ से दो घंटे लगते हैं. इस वजह से यह प्रयास नहीं किया गया और दमकल के आने का इंतजार किया.

आग लगने की वजह अभी तक नहीं पता चली है लेकिन प्रथम दृष्टया लग रहा है कि बोगी के ऊपर का इलेक्ट्रिक वायर गर्म होकर फट गया जिसके वजह से ये हुई. रेलवे ने इससे कम से कम तीन करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन किया है.

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