कलारचना

‘हैदर’ ‘क्वीन’ ‘मैरी कॉम’ का जलवा

नई दिल्ली | मनोरंजन डेस्क: 62वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में ‘हैदर’ ‘क्वीन’ ‘मैरी कॉम’ छाये रहें इनमें से सबसे ज्यादा पुरस्कार ‘हैदर’ को मिले. 2014 की महिला केन्द्रत फिल्में ‘क्वीन’ तथा ‘मैरी कॉम’ ने भी महत्वपूर्ण पुरस्कार बटोरे. फिल्म पुरस्कारों के तीनों निर्णायक मंडल के अध्यक्षों ने मंगलवार को वर्ष-2014 के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों की घोषणा कर दी, जिसमें हिंदी फिल्मों के अलावा स्थानीय भाषा की फिल्मों ने भी अपने सराहनीय कार्य के लिए कई पुरस्कार हासिल किए. मराठी, हिंदी, गुजराती और अंग्रेजी की मिली-जुली भाषा में बनी फिल्म ‘कोर्ट’ को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार मिला, वहां विशाल भारद्वाज के निर्देशन में बनी हिंदी फिल्म ‘हैदर’ ने सर्वाधिक पुरस्कार अपनी झोली में डाले.

विशाल भारद्वाज निर्देशित विलियम शेक्सपीयर की कृति हैमलेट पर कश्मीर की पृष्ठभूमि में बनी फिल्म ‘हैदर’ ने सर्वश्रेष्ठ पाश्र्वगायक, सर्वश्रेष्ठ संवाद, सर्वश्रेष्ठ व सज्जा, सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक और सर्वश्रेष्ठ नृत्य निर्देशक का पुरस्कार मिला.

भारद्वाज ने मुंबई में पत्रकारों से कहा, “हमें अपेक्षा से कहीं अधिक मिला..मैं इससे आह्लादित हूं.”

हैदर फिल्म के गीत ‘बिस्मिल..’ के लिए सुखविंदर सिंह को सर्वश्रेष्ठ पाश्र्वगायक, विशाल भारद्वाज को सर्वश्रेष्ठ संवाद, डॉली अहलूवालिया को सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिजाइनर, भारद्वाज को ही सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक और सुदेश अधाना को सर्वश्रेष्ठ नृत्य निर्देशक के पुरस्कारों की घोषणा की गई.

सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का पुरस्कार विकास बहल द्वारा निर्देशित एवं कंगना रानौत अभिनीत ‘क्वीन’ को मिला. क्वीन के लिए ही कंगना को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का जबकि कन्नड़ फिल्म ‘नानू अवनल्ला अवालू’ के लिए विजय को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला.

देश की स्टार महिला मुक्केबाज मेरीकॉम के जीवन पर बनी प्रियंका चोपड़ा अभिनीत हिंदी फिल्म ‘मैरी कॉम’ संपूर्ण मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म रही.

इसके अलावा बलजिंदर कौर को फिल्म ‘पगड़ी द ऑनर’ के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार और बॉबी सिम्हा को फिल्म ‘जिगर ठंडा’ के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार मिला.

श्रीजीत मुखर्जी को बांग्ला फिल्म ‘शतुष्कोण’ के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशन का पुरस्कार की घोषणा की गई है.

फीचर फिल्मों, गैर फीचर फिल्मों एवं सिनेमा तीन श्रेणियों के लिए अलग-अलग निर्णायक मंडल गठित किया गया था. फीचर फिल्म केंद्रीय पैनल के प्रमुख पी. भारतीराजा सहित पैलन में कुल 11 सदस्य थे. भारतीराजा तमिल सिनेमा की एक बड़ी हस्ती और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता हैं.

गैर फीचर फिल्म श्रेणी के निर्णायक मंडल के अध्यक्ष श्री कमल स्वरूप थे और इसमें कुल सात सदस्य थे. सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ लेखन पर गठित निर्णायक मंडल के अध्यक्ष गोविंद कुमार (मधन) थे और इसमें अध्यक्ष सहित तीन सदस्य थे.

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