राष्ट्र

चारा घोटाला: जज बदलने की याचिका खारिज

नई दिल्ली | एजेंसी: सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को झटका देते हुए उनकी वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने बिहार में हुए चारा घोटाले में अपने खिलाफ सुनवाई में पक्षपात की संभवना को देखते हुए किसी अन्य न्यायालय में स्थानांतरित किए जाने की मांग की थी.

प्रधान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति पी. सतशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को निचली अदालत को यथासंभव जल्द से जल्द मामले की सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही न्यायालय ने अभियोजन पक्ष को अपनी बहस पूरी करने के लिए अतिरिक्त पांच दिन और आरोपियों को अपना पक्ष रखने के लिए 10 दिन का समय दिया.

न्यायालय ने कहा कि निचली अदालत, सर्वोच्च न्यायालय और रांची उच्च न्यायालय ने जो कुछ कहा है उससे प्रभावित हुए बगैर अपना फैसला सुनाएगी. न्यायालय ने यह भी कहा कि लालू प्रसाद जिस न्यायाधीश को बदलने की मांग कर रहे हैं, वह 2011 से ही मामले की सुनवाई कर रहे हैं.

इससे पहले लालू प्रसाद यादव ने पूर्वाग्रह से ग्रस्त सुनवाई होने का आरोप लगाते हुए कहा था कि निचली अदालत के न्यायाधीश की बहन की शादी उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी बिहार के मंत्री पी. के. शाही से हुई है. इसी चलते संभावित पक्षपात को देखते हुए उन्होंने मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश को बदलने की मांग की थी, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया.

बिहार में करोड़ों रुपए का चारा घोटाला 1996 में सामने आया था. नवंबर 2000 में झारखंड के अलग होने के दौरान 61 में से 54 मामले झारखंड स्थानांतरित कर दिए गए थे. केन्द्रीय जांच ब्यूरो की अलग-अलग विशेष अदालतें 43 से ज्यादा मामलों पर फैसला सुना चुकी हैं.

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