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भारतीय अर्थव्यवस्था सक्षम है: जेटली

रायपुर | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ पहुंचे वित्मंत्री जेटली ने कहा भारतीय अर्यव्यवस्था चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है. उन्होंने ब्रिटेन का उदाहरण देते हुये कहा कि उसके द्वारा यूरोपीय यूनियन की सदस्यता छोड़ने की बात का पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ा है परन्तु भारत उससे अछूता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि देश की विकास दर बढ़ेगी.

छत्तीसगढ़ का राजधानी रायपुर पहुंचे केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने यहां सोमवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था किसी भी विपरीत परिस्थिति से जूझने में सक्षम है.

उन्होंने कहा कि समूचे विश्व में खनिज क्षेत्र में मंदी का दौर है. खनिज पदार्थो के दाम लगातार गिर रहे हैं. पूरा विश्व इस क्षेत्र में एक चुनौतीपूर्ण माहौल से गुजर रहा है, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव नहीं पड़ा है.

यहां एक कार्यक्रम में पहुंचे जेटली ने कहा कि जब ग्रेट ब्रिटेन यूरोपियन यूनियन से अलग हुआ तो इसका प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ा, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रही.

उन्होंने कहा कि इस वर्ष बारिश के अच्छे आसार हैं, उम्मीद है कि भारत की विकास दर और तेजी से बढ़ेगी.

रायपुर में आयोजित पहली राष्ट्रीय खनिज संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि खनिज से मिलने वाले राजस्व का उपयोग उस क्षेत्र के विकास में होना चाहिए. इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना’ बनाई है.

उन्होंने कहा कि इसी योजना के अंतर्गत देश में सबसे पहले छत्तीसगढ़ के सुदूर दंतेवाड़ा जिले के पांच गांवों में विकास कार्यो की शुरुआत की जा रही है.

केंद्रीय वित्तमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षो में देश की खनिज नीति में कई सकारात्मक बदलाव किए गए हैं. प्रधानमंत्री ने खदानों के आवंटन में मनमानी की गुंजाइश को पूरी तरह खत्म कर दिया है. खदानों के आवंटन में ‘पहले आओ पहले पाओ’ की नीति को बदल दिया गया है. अब खदान आवंटन की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाते हुए नीलामी के माध्यम से खदानों का आवंटन किया जा रहा है.

उन्होंने कहा, “अब खदानों की कीमत हम नहीं बल्कि बाजार तय करता है.”

जेटली ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों से परिपूर्ण राज्य है. खनिज इस राज्य की अर्थव्यवस्था का आधार है. नई खनिज नीति से छत्तीसगढ़ को फायदा मिलेगा.

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, केंद्रीय खनिज एवं इस्पात मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय खनिज एवं इस्पात राज्यमंत्री विष्णु देव साय भी उपस्थित थे.

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