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केवल 5 फीसदी को 100 दिन रोजगार की गारंटी

रायपुर | डेस्क: छत्तीसगढ़ में रोजगार गारंटी योजना के तहत इस साल केवल 16 दिन का काम मिला है. पिछले पांच सालों के आंकड़े बताते हैं कि राज्य में रोजगार गारंटी योजना अपने बुरे दौर में है. यही हाल देश भर का है.

छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने 150 दिन रोजगार देने की गारंटी दी थी. इसके अलावा सूखे इलाके में 50 दिन अतिरिक्त काम देने की केंद्र सरकार ने योजना लागू की थी. लेकिन काम के दिन 200 की कौन कहे, आंकड़ा 50 दिन को भी पार नहीं कर पाया.

2013-14 में छत्तीसगढ़ की सरकार ने 52 दिन, 2014-15 में 32 दिन, 2015-16 में 47 दिन, 2016-17 में 42 दिन और 2017-18 में केवल 52 दिन का रोजगार दिया है.

इस सप्ताह के आंकड़े देखें तो छत्तीसगढ़ में रोजगार गारंटी के तहत कुल 87 लाख सात हज़ार 936 श्रमिक पंजीकृत हैं. इनमें से 59 लाख 69 हज़ार 460 सक्रिय श्रमिक हैं. इस वर्ष रोज़गार गारंटी योजना में मानव श्रम दिवस (मैनडेज़) की बात करें तो यह कुल 6 करोड़ 37 लाख 95 हज़ार 760 दिवस रहे. श्रमिकों के हिसाब से देखें तो प्रत्येक श्रमिक को इस साल महज़ 7.32 दिन ही काम मिला है.

अगर रोज़गार गारंटी योजना के तहत छत्तीसगढ़ में बनाये गए लगभग 38 लाख 45 हज़ार जॉब कार्ड के हिसाब से देखें तो भी प्रति परिवार जो रोज़गार मिला है, वो केवल 16.59 दिन ही होता है.

हालांकि देश का हाल देखें तो पिछले पांच सालों में रोजगार गारंटी के दिन का आंकड़ा 50 दिन तक भी नहीं पहुंच पाया है. 2013-14 में 46 दिन, 2014-15 में 40 दिन, 2015-16 में 49 दिन, 2016-17 में 46 दिन और 2017-18 में महज 46 दिन का रोजगार दिया गया है.

मज़दूरों को 100 दिन रोजगार दिये जाने के आंकड़े तो और भी भयावह हैं. पिछले साल यानी 2017-18 में महज 5.78 परिवारों को ही 100 दिन का रोजगार दिया गया. अगर इस आंकड़े को मजदूरों को 100 दिन मिले काम की तरह विश्लेषित किया जाये तो यह पता चलता है कि देश में 3 फीसदी मजदूरों को भी 100 दिन का रोजगार नहीं मिला.

2013-14 में देश में 9.72 परिवारों को, 2014-15 में 6.02 परिवारों को, 2015-16 में 10.07 परिवारों को और 2016-17 में महज 7.79 परिवारों को ही 100 दिन का रोजगार मिल पाया.

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