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पनामा में रमन सिंह के बेटे पर निशाना

रायपुर | संवाददाता: पनामा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के सांसद पुत्र अभिषेक सिंह के कथित बैंक खाता को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा. सांसद अभिषेक सिंह ने साफ कहा है कि उनका विदेश में कोई भी बैंक अकाउंट नहीं है लेकिन कांग्रेस मामले की जांच पर अड़ी हुई है.

कांग्रेस पार्टी का कहना है कि पनामा में जो बैंक खाता है, उसका पता मुख्यमंत्री के घर का पता है. मुख्यमंत्री अपने पते के दुरुपयोग की ही जांच करवा लें. दूसरी ओर मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे और सांसद अभिषेक सिंह ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने एक प्रेस कांफ्रेस कर के आरोप लगाया है कि खोजी पत्रकारों की संस्था आईसीआईजे ने जब पनामा पेपर्स सार्वजनिक किए तो छत्तीसगढ़ से एक नाम आया था अभिषाक सिंह का. अभिषाक सिंह ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में खाता खुलवाने के लिए जो पता दिया था, वह पता वही था जो मुख्यमंत्री रमन सिंह के घर का पता है- रमन मेडिकल स्टोर, न्यू बस स्टैंड, वार्ड नंबर 20, विंध्यवासिनी वार्ड, कवर्धा.

दूसरी ओर मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे और सांसद अभिषेक सिंह ने एक बयान में माना है कि पढ़ाई के दौरान अंग्रेजी में उनके नाम में ’अभिषेक’ के स्थान पर ’अभिषाक’ त्रुटिपूर्ण हो गया था, जिसे एक जाहिर सूचना के द्वारा सही किया गया था. हालांकि उन्होंने कहा-“मैं पहले भी कह चुका हूं और पुनः स्पष्ट करना चाहूंगा कि विदेश में मेरा किसी भी नाम से कोई भी बैंक एकाउंट नहीं है.”

अभिषेक सिंह ने कहा कि “भूपेश बघेल द्वारा लगाए गए आरोप निराधार, तथ्यहीन और राजनीति से प्रेरित हैं. कांग्रेस को कोई मुद्दा नहीं मिल रहा है, इसलिए वे झूठ की राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं.”

कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के आरोप
पनामा पेपर्स मामले में ही पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी पुत्री मरियम को 10 वर्ष की सजा हो गयी. ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ का नारा देने वाले नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री रमन सिंह के कवर्धा निवास के पते वाले अभिषाक सिंह की जांच करवाना भी जरूरी क्यों नहीं करवाया? लेकिन अब कुछ नए दस्तावेज़ सामने आयें हैं जिससे ज़ाहिर होता है कि अभिषेक सिंह ही अभिषाक सिंह हैं.

हमारे पास ये साबित करने के लिए दस्तावेज़ हैं कि अभिषाक सिंह ने बाद में अपने नाम की स्पेलिंग बदली है और अभिषेक सिंह बन गए हैं. नाम बदलने के पहले वे एक कंपनी के डायरेक्टर थे लेकिन चुनाव लड़ने से पहले उन्होंने उस कंपनी से इस्तीफ़ा दे दिया. अब उस कंपनी में मुख्यमंत्री रमन सिंह के रिश्तेदार डायरेक्टर हैं और इस कंपनी को फ़ायदा पहुंचाने के लिए रमन सिंह जी ने सलापुर-मुंगेली-पंडरिया-कवर्धा-खैरागढ़-डोंगरगढ़रेललाइनकी पूरी योजना बदल दी है. इस योजना परिवर्तन से अभिषाक उर्फ़ अभिषेक सिंह को भी फ़ायदा पहुंचने वाला है.

भूपेश बघेल का दावा-अभिषाक सिंह कैसे बने अभिषेक सिंह
एक कंपनी है शैलेट एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड. इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन हुआ 04/11/2011 को. इसके लिए पता दिया गया सोनल ठाकुर के निवास का – विला नं. 4, वर्ल्ड स्पा, वेस्ट सेक्टर 30-41 गुड़गांव, हरियाणा. शुरुआत में इस कंपनी के तीन डायरेक्टर थे
a. अभिषाक सिंह s/o रमन सिंह (5000 शेयर)
b. एश्वर्ड हाड़ा w/o अभिषाक सिंह (35000 शेयर)
c. सोनल ठाकुर d/o महेंद्र कलचुरी (10000 शेयर)

अभिषाक सिंह ने 01/11/2013 को कंपनी के डायरेक्टर के पद से इस्तीफ़ा दे दिया. लोकसभा चुनाव 2014 का नामांकन भरने से ठीक एक हफ़्ते पहले यानी 15/11/2014 अभिषेक सिंह और उनकी पत्नी एश्वर्य हाड़ा के सारे शेयर इला कलचुरी w/o महेंद्र कलचुरी के नाम ट्रांसफ़र कर दिए गए.

फ़ेसबुक पर उपलब्ध सूचना बताती है कि अभिषाक सिंह (Abhishak Singh) के नाम से एक फ़ेसबुक पेज 09/11/2013 को बनाया गया. लेकिन 16/03/2014 को इस पेज पर नाम बदलकर अभिषेक सिंह (Abhishek Singh) कर दिया गया.

23/03/2014 को अभिषेक सिंह ने संसदीय चुनाव के लिए नामांकन भरा.

क्वेस्ट हाइट्स लिमिटेड के नाम की जिस कंपनी का खाता वर्ष 2008 में ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में खोला गया था, जिसमें अभिषाक सिंह डायरेक्टर थे और वहां भी अभिषाक सिंह का पता था – रमन मेडिकल स्टोर, न्यू बस स्टैंड, वार्ड नंबर 20, विंध्यवासिनी वार्ड, कवर्धा. यानी अभिषेक सिंह ने लोकसभा चुनाव से पहले ही अपने नाम की स्पेलिंग बदली थी और इससे पहले वही अभिषाक सिंह थे .

शैलेट एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड यानी रमन सिंह का कुनबा-कांग्रेस
कंपनी रजिस्टर हुई है सोनल ठाकुर (विदेशी नागरिक) के गुड़गांव वाले पते पर. सोनल ठाकुर रमन सिंह की भतीजी हैं. यानी उनकी बहन इला कलचुरी (w/o महेंद्र कलचुरी) की बेटी. पहले इस कंपनी के डायरेक्टर थे अभिषाक सिंह (उर्फ़ अभिषेक सिंह) और उनकी बहू (यानी अभिषेक सिंह की पत्नी) एश्वर्य हाड़ा. बाद में इन दोनों ने अपने शेयर इला कलचुरी के नाम ट्रांसफर कर दिए.

इला कलचुरी ( d/o विघ्नहरण सिंह) रमन सिंह की बहन हैं. एक और डायरेक्टर प्रमोद अग्रवाल बाद में जुड़े. अभी इनके बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है लेकिन पता चला है कि ये भी रमन सिंह परिवार के ख़ास सदस्य हैं.

कांग्रेस के अनुसार अभिषेक ही हैं अभिषाक
शैलेट एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी का फार्म 32 जिसमें अभिषाक सिंह नाम. जिसमें पिता का नाम रमन सिंह है और पता कवर्धा में रमन मेडिकल स्टोर का है.

फ़ेसबुक पर उपलब्ध जानकारी जिसमें बताया गया है कि अभिषाक सिंह नाम के पेज का नाम बदलकर अभिषेक सिंह किया गया.

शैलेट कंपनी के मेमोरेंडम ऑफ़ एसोसिएशन में अभिषाक सिंह के हस्ताक्षर और लोकसभा चुनाव के लिए जमा किए गए शपथ पत्र में अभिषेक सिंह के हस्ताक्षर का एक जैसा होना.

शैलेट कंपनी की बैलेंस शीट में अभिषाक सिंह के हस्ताक्षर और लोकसभा चुनाव के लिए जमा किए गए शपथ पत्र में अभिषेक सिंह के हस्ताक्षर का एक जैसा होना.

कांग्रेस के आरोप- बदली गई रेल परियोजना
यह मामला उसलापुर-मुंगेली-पंडरिया-कवर्धा-खैरागढ़-डोंगरगढ़ रेल लाइन का है. इस रेल लाइन का तीन बार सर्वे हुआ. पहले दो बार के सर्वे में पंडरिया में एक स्टेशन बनना था. यह स्टेशन बोड़ला और पांडातराई के नज़दीक था. लेकिन जो तीसरा सर्वे मुख्यमंत्री रमन सिंह जी ने करवाया है, उसमें 80-90 प्रतिशत इलाक़ा इस इलाक़े की जनता से दूर हो गया है.

पहले जो स्टेशन आठ किलोमीटर के दायरे में था, वह अब 35 किलोमीटर दूर हो गया है. इसे लेकर पंडरिया में आंदोलन भी हो रहा है. लोरमी से भी स्टेशन 20 किलोमीटर दूर हो गया है.

चूंकि यह परियोजना छत्तीसगढ़ सरकार और रेल मंत्रालय मिलकर बना रहे हैं इसलिए इसमें रूट तय करने की छूट छत्तीसगढ़ सरकार के पास है. और इसीलिए अब नया रूट एकदम अलग है. नया स्टेशन भी तय हो गया. ग्राम घोटिया में अब स्टेशन बनने जा रहा है.

घोटिया वही जगह है जहां शैलेट स्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी के नाम 17 एकड़ जमीन है और यहीं मुख्यमंत्री जी के सांसद पुत्र अभिषेक सिंह पुत्र नाम कम से कम सात एकड़ ज़मीन है. चूंकि शैलेट कंपनी परिवार के लोगों की कंपनी है इसलिए यह परियोजना उन्हें फ़ायदा पहुंचाने के लिए बदली गई है.

औने पौने दाम पर ख़रीदी गई ज़मीन का दाम एकाएक आसमान तक पहुंच जाएगा. अभी तो इतनी ही जानकारी है, हमें आशंका है कि इस नए रेल मार्ग पर रमन सिंह, उनके परिवार और भाजपा-संघ परिवार के बहुत से लोगों ने पहले से ज़मीन ख़रीद रखी होगी.

अभिषेक सिंह की सफाई
मेरा नाम शुरू से ही अभिषेक सिंह है और अंग्रेजी में गलत स्पेलिंग की वजह से उसे ठीक कराया गया था. उन्होंने कहा-मैंने अपना नाम परिवर्तन कभी नहीं करवाया है. पढ़ाई के दौरान अंग्रेजी में मेरे नाम में ’अभिषेक’ के स्थान पर ’अभिषाक’ त्रुटिपूर्ण हो गया था, जिसे एक जाहिर सूचना के द्वारा सही किया गया था. इसलिए यह जानकारी सार्वजनिक है.

मैं पहले भी कह चुका हूं और पुनः स्पष्ट करना चाहूंगा कि विदेश में मेरा किसी भी नाम से कोई भी बैंक एकाउंट नहीं है. कांग्रेस के नेताओं और अन्य व्यक्तियों द्वारा इन मामलों को लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय में याचिका लगाई गई थी, जिसे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा खारिज किया जा चुका है.

श्री भूपेश बघेल द्वारा लगाए गए आरोप निराधार, तथ्यहीन और राजनीति से प्रेरित हैं. कांग्रेस को कोई मुद्दा नहीं मिल रहा है, इसलिए वे झूठ की राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं.

शैलेट स्टेट प्राईवेट कम्पनी के शेयर मेरे और मेरी पत्नी के द्वारा ट्रांसफर किए गए थे, यह जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है और अब मेरा इस कम्पनी से कोई भी सरोकार नहीं है. शेयर का ट्रांसफर एक कानूनी प्रक्रिया के तहत किया गया था और इसमें किसी भी कानून का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है. यह जमीन शैलेट कम्पनी द्वारा वर्ष 2011 में खरीदी गई थी और इसका प्रस्तावित रेल परियोजनाओं से कोई संबंध नहीं है.

चूंकि रेल परियोजना माननीय मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के अथक प्रयासों से छत्तीसगढ़ को प्राप्त हुई है, जिसका लाभ उस पूरे क्षेत्र की जनता को मिलेगा. रेल परियोजना जनकल्याण के लिए विकास का महायज्ञ है और इस पवित्र कार्य में भी श्री भूपेश बघेल निहित स्वार्थ की वजह से राजनीति नहीं बल्कि साजिश नीति का सहारा लेकर व्यवधान डाल रहे हैं. आजादी के बाद पहली बार उस क्षेत्र की जनता को रेल की सौगात मिलने जा रही है, लेकिन शायद श्री बघेल प्रदेश की जनता का सपना साकार होते देखकर बौखला गए हैं.

श्री बघेल को पाटन में अवैध रूप से अतिक्रमित जमीन को खोने का गम मानसिक रूप से सता रहा है. उनके द्वारा पहले भी मुझ पर आधारहीन आरोप लगाए गए थे, जिनका खण्डन मेरे द्वारा पहले भी किया जा चुका है.

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