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अमरीकी संसद में पाक के खिलाफ बिल पेश

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: अमरीकी संसद में पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजित करने वाला देश घोषित करने का बिल पेश किया गया है. इसी के साथ पाकिस्तान को अमरीकी फंडिंग को बंद करने के लिये संसद में आवाज़ उठने लगी है. यदि पाकिस्तान को अमरीका आधिकारिक तौर पर आतंकवाद को प्रायोजित करने वाला देश घोषित कर देता है तो वह राजनीतिक-कूटनीतिज्ञ तौर पर अलग-थलग पड़ जायेगा. अमरीकी संसद की आतंकवाद पर बनी उप समिति के चेयरमैन अमरीकी जनप्रतिनिधि टेड पो ने संसद में कहा कि अब समय आ गया है पाकिस्तान को हमें फंड देना बंद कर देना चाहिये, क्योंकि पाकिस्तान का रवैया धोखा देने वाला रहा है. यही नहीं उसने दुश्मनों को भी मदद दी.

डेमोक्रेटिक पार्टी के जनप्रतिनिधि डाना रोहरबेकर के साथ मिलकर टेड पो ने ‘द पाकिस्तान स्टेट स्पॉ़न्सर ऑफ टेरेरिज्म डेजिग्नेशन एक्ट (एचआर 6069)’ नाम का बिल अमरीकी एसेम्बली में पेश किया. अब संसद को चार माह के भीतर अपना औपचारिक रुख तय करना होगा.

इसके बाद अमरीकी राष्ट्रपति को 90 दिन के भीतर एक रिपोर्ट पेश करनी होगी, जिसमें उन्हें यह बताना होगा कि पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित करने वाला देश है. इसके 30 दिन बाद इसी आशय को लेकर यूएस सेक्रेटरी ऑफ स्टेट को भी एक रिपोर्ट पेश करनी होगी.

पो ने बिल की घोषणा करते हुए कहा कि इस बात के कई प्रमाण हैं कि पाकिस्तान में ही नहीं पाकिस्तान सरकार ने भी सालों से अमरीका के दुश्मनों को समर्थन दिया. ओसामा बिन लादेन की वहां मौजूदगी से लेकर हक्कानी नेटवर्क तक की वहां मौजूदगी ऐसे कई प्रमाण देते हैं कि पाकिस्तान आतंक के खिलाफ लड़ाई में किसका पक्षधर है.

इस बीच कांग्रेस के एक अन्य सदस्य पीट ओल्सन ने कहा, मैं कश्मीर में भारतीय सैन्य अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं, जिसमें 18 भारतीय जवानों की जान चली गई. भारत शांति में मजबूत साझेदार एवं सहयोगी है. ओल्सन ने कहा कि मैं इस घृणित कृत्य को अंजाम देने वालों को खोजने के हर प्रयास का समर्थन करता हूं ताकि अपराधियों को न्याय के दायरे में लाया जा सके. मैं पीडि़तों के परिजन के प्रति संवेदनाएं प्रकट करता हूं.

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