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शव ठेले पर, अंतिम संस्कार के लिए राहगीरों के सामने गिड़गिड़ाई

रायपुर। डेस्क: छत्तीसगढ़ में शव कभी साइकिल की कैरियल पर रखकर ले जाए जाते देखे गए तो कभी कांधे पर, कभी श्रवण कुमार की तरह को बेटा अपने माता-पिता को टोकरी में रखकर मीलों चलता है, तो कभी शव को रिक्शा भी नसीब नहीं होता.इस बार फिर एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक असहाय महिला को अपने पति के लिए शव वाहन तक नसीब नहीं हुआ और उसे ठेले में अपने पति का शव लेकर जाना पड़ा.
छत्तीसगढ़ का यह मामला फिर मानवता को शर्मशार करने वाला है. मामला राजधानी रायपुर का है, जहां एक महिला को शव वाहन नही मिलने से उसे अपने पति का शव ठेले पर लेकर जाना पड़ा. शव वाहन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल AIIMS रायपुर की थी.30 साल के संजय को फेफड़े में इन्फेक्शन होने के चलते एक महीने पहले एम्स रायपुर में भर्ती किया गया था, जहां आज सुबह उसकी मौत हो गई.संजय की पत्नी के पास लाश घर ले जाने के लिए पर्याप्त पैसे नही थे, वहीं अस्पताल ने भी लापरवाही बरतते हुए शव वाहन उपलब्ध नही कराया.पत्नी अपनी 6 साल की बेटी के साथ पति की लाश ठेले पर लेकर ही रायपुर की सड़कों पर निकल गयी. इस दौरान अपने पति के अंतिम संस्कार के लिए महिला राहगीरों से पैसे भी मांगती रही.

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