छत्तीसगढ़

छग में पंचायती राज की दुर्गति- छाया वर्मा

नई दिल्ली | संवाददाता: राज्य सभा में छाया वर्मा ने कहा छत्तीसगढ़ में पंचायती राज की दुर्गति हो रही है. छत्तीसगढ़ के कांग्रेस की राज्य सभा सदस्या छाया वर्मा ने मंगलवार को राज्य सभा में छत्तीसगढ़ में पंचायती राज के दुर्दशा की आलोचना की. छाया वर्मा ने कहा, “..40-50 हजार लोगों के बीच से एक जनपद सदस्य चुनकर आता है, वहां उन्हें भी कुछ अधिकार नहीं है, उनको अपने क्षेत्र में विकास के लिये एक भी फंड नहीं मिलता है.”

उन्होंने आगे कहा कि, “हालत यहां तक है कि जिस ग्राम पंचायत से खनिज रायल्टी आती है, उस ग्राम पंचायत फंड को भी अधिकारी के द्वारा दूसरी ग्राम पंचायत में, दूसरे क्षेत्र में विकास के लिये दे दिया जाता है.”

जबकि मध्यप्रदेश के जमाने के पंचायती राज के बारे में बोलते हुये छत्तीसगढ़ से राज्य सभा सदस्या छाया वर्मा ने कहा, “जब आदरणीय दिग्विजय सिंह जी मुख्यमंत्री थे, तो मैं स्वंय जिला पंचायत की अध्यक्ष थी. उस समय तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की पद स्थापना, स्थांनातरण और प्रमोशन का अधिकार जिला पंचायत को था, लेकिन अभी कुछ नहीं है, वहां त्रिस्तरीय पंचायती राज के पदाधिकारीगण केवल नाम मात्र के हो गये हैं.”

उन्होंने छत्तीसगढ़ में पंचायती राज व्यवस्था के केन्द्रीयकरण का आरोप लगाते हुये कहा, ” अगर सरपंचो को अधिकार होता, तो वह 300 एकड़ जमीन, ‘मन की बात’ कहने वाले नेता के माध्यम से, अडानी जी को उस कोयला खदान के लिये नहीं जाती. अगर सरपंचों को अधिकार होता तो? लेकिन वहां पर पूरी तरह से त्रिस्तरीय पंचायती राज की सत्ता का केन्द्रीयकरण किया जा रहा है.”

छाया वर्मा ने लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने के लिये पंचायतों को अधिकार देने की बात कही. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ से राज्य सभा सदस्या छाया वर्मा सदन में पहली बार बोल रही थी.

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