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विनोद कुमार शुक्ल पर कविता जैसी फ़िल्म

गार्गी मिश्रा | फेसबुक
“सिनेमा केवल प्रेम और हत्या पर बनाई जा सकती है.”

फ़िल्म विनोद कुमार शुक्ल के एक संवाद में अम्बर रंजना पाण्डेय। एक यादगार फ़िल्म की रीढ़ होती है उसकी पटकथा जिसके चारों तरफ बुनी जाती है स्वप्नलोक और इहलोक के मध्य एक रचना जो हमें हमारे जीवन से अपने अंतर्द्वंदों से और हमारे भीतर छिपे कई कई चहरों से रुबरु करवाती है। इस युग के बेहद निर्मल और गहरी चेतना को प्राप्त कवि विनोद कुमार शुक्ल के जीवन पर बनी फ़िल्म के संवाद और पटकथा कवि अम्बर ने लिखे हैं जो दर्शकों के मन में उत्साह पैदा करते हैं कि फ़िल्म शीघ्र अतिशीघ्र पर्दे पर आए और हमें विस्मय से भर दे।

फ़िल्मों को ले कर मेरी समझ बहोत कम है पर इतना ज़रूर समझती हूँ की यह एक लम्बी फिनॉमिना है जिसे बेहद धैर्य और कुशलता से अंजाम दिया जा सकता है। कहते हैं फ़िल्में डायरेक्टर का मीडियम हैं। इस फ़िल्म के ट्रेलर में लाइट्स और साउंड का काम देख कर मैं बिल्कुल हैरान नहीं हूँ क्योंकि निर्देशक यानी शशांक त्रिपाठी ने अपने स्वभाव के अनुरूप ही काम किया है। शशांक पूरी फ़िल्म देखने का बेसब्री से इंतज़ार है।

यदि अपने पास सुन्दर थाली हो, सुन्दर भोजन पकानी वाली कुशल गृहणी हो पर उसे ग्रहण करने वाला ही न हो तो वह भोजन किस काम का। इसी तरह अभिनेता भी एक तरह से ग्रहणकर्ता है।

प्रशासन मालतियर से मैं परिचित नहीं हूँ पर उनका अभिनय देख अवाक हूँ।

महेश वर्मा मुझे लगता है सरलता के पर्यायवाची हैं। जितनी सरलता और सहजता उनके पूरे व्यक्तित्व और लेखन में है उतना ही उनके अभिनय में भी। अनामिका वर्मा जी के बारे में यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा की वे पठन पाठन के साथ कला में भी गहरी समझ और संवेदनशीलता रखती हैं। अंबिकापुर बतौर शहर दृश्यों के लिहाज़ से एक अल्बम सा प्रतीत होता है और अंत में सबसे महत्वपूर्ण इस पूरे फ़िल्म की प्राण वायु विनोद जी जब ट्रेलर में दिखाए देते हैं तो मानों एक चमत्कार सा महसूस होता है। मानों कविता यकायक बोलने लगी हो। चलने फिरने लगी हो और आस पास के माहौल में हिस्सा लेने लगी हो।

मेरे लिए यह फ़िल्म कई कारणों से महत्वपूर्ण है जिसमें सबसे बड़ा कारण यह है कि इसकी नीव कवि उसकी कविताएँ और कविताओं से जन्मा सँसार है जो कभी उपन्यास सा नज़र आता है तो कभी आत्मकथा सा। इस फ़िल्म की पूरी टीम को अंनत शुभकामनाएं।

आप सभी ने हम सब के मन को उत्साह से भर दिया है। आप सभी से बहोत सारी उम्मीदें जुड़ गई हैं सिनेमा के भविष्य को ले कर।

चलते चलते एक बात और कहना चाहूँगी की यह बेहद प्यारा जेस्चर लगा की फ़िल्म के ट्रेलर रिलीज़ की ख़बर सौतुक ने दी जो अभी अपने शुरुआती दौर में है। ऐसा विश्वास ही बेहतर काम करने की प्रेरणा देता है।

फ़िल्म के ट्रेलर का लिंक-

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