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छत्तीसगढ़ कैंपा : हाशिये पर सुप्रीम कोर्ट

रायपुर | डेस्क: छत्तीसगढ़ की कांग्रेस पार्टी की सरकार ने कैंपा के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को हाशिये पर रख दिया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उलट राज्य में कैंपा का काम बिना संचालन समिति के ही किया जा रहा है.

2018 में आई भूपेश बघेल की सरकार ने 19 महीने बाद भी राज्य क्षतिपूर्ति वनीकरण कोष प्रबंध एवं योजना प्राधिकरण यानी कैम्पा की संचालन समिति ही नहीं गठित की है.

हालत ये है कि कई हज़ार करोड़ के काम धड़ल्ले से बिना संचालन समिति के ही चल रहे हैं.

धन की बात करें तो केवल पिछले साल सितंबर में ही राज्य सरकार को केंद्र ने कैंपा मद में 5 हजार 791 करोड़ 71 लाख रुपए दिये थे. लेकिन राज्य सरकार इस धनराशि का अब बिना संचालन समिति की स्वीकृति के मनमाना उपयोग कर रही है.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार संचालन समिति की बैठक हर 6 महीने में किया जाना अनिवार्य है. यहां तक कि राज्य कैंपा के काम संचालन समिति की स्वीकृति के बाद ही किये जाने के साफ़ निर्देश हैं.

लेकिन नई सरकार ने राज्य में संचालन समिति का गठन ही नहीं किया तो स्वीकृति या बैठक का प्रश्न ही नहीं है.

कैंपा पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश

10 जुलाई 2009 को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकारों को राज्य क्षतिपूर्ति वनीकरण कोष प्रबंध एवं योजना प्राधिकरण के गठन का आदेश दिया गया था.

कैंपा में क्षतिपूरक वनरोपण, अतिरिक्त क्षतिपूरक वनरोपण, दंडात्मक क्षतिपूरक वनरोपण, निवल वर्तमान मूल्य और अन्य सभी मदों से वन संरक्षण अधिनियम 1980 के अंतर्गत प्रयोक्त एजेंसी से वसूल की गई राशि को केंद्र से राज्य सरकार हस्तांतरित करती है.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार हरेक राज्य के लिये स्टेट कैंपा का गठन अनिवार्य है.

इसके तहत एक शासी पर्षद यानी Governing Body, एक संचालन समिति यानी Steering Committee और एक कार्यकारी समिति यानी Executive Committee का गठन किये जाने के निर्देश हैं.

भाजपा शासन काल में ये सारी कमेटियां संचालित थीं और नियमानुसार कार्य हो रहे थे. लेकिन नई सरकार के बाद संचालन समिति यानी Steering Committee का गठन ही नहीं हुआ और पिछले 19 महीने से बिना संचालन समिति के ही कैंपा का काम चल रहा है.

सुप्रीम कोर्ट का बहुत साफ़ निर्देश है कि संचालन समिति ही स्टेट कैंपा के उद्देश्यों एवं सिद्धांतों के अनुरुप पर्षद यानी Governing Body तथा इसके कार्यकारी समिति के क्रियान्वयन हेतु नियमों एवं प्रक्रियाओं को निर्धारित व स्वीकृत करेगी.

इसके साथ-साथ संचालन समिति स्टेट कैंपा के द्वारा विमुक्त की गई राशि के उपयोग की प्रगति का अनुश्रवण करेगी. यह समिति, कार्यकारी समिति द्वरा तैयाप किये गये वार्षिक कार्य योजना की स्वीकृति देगी.

संचालन समिति की उपयोगिता इस बात से समझी जा सकती है कि स्टेट कैंपा के वार्षिक प्रतिवेदनों एवं अंकेक्षित लेखाओं की स्वीकृति का काम भी संचालन समिति के ही जिम्मे है.

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