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छत्तीसगढ़ सरकार में बर्खास्तगी की तलवार

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ सरकार अब राज्य सेवा के अधिकारी भी बर्खास्त किये जा सकते हैं.

केंद्र सरकार के अधिकारियों की तर्ज पर राज्य सरकार अब राज्य सेवा के अधिकारियों की भी काम काज की समीक्षा करेगी. शनिवार को मंत्रीमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया.

राज्य शासन द्वारा पचास वर्ष की आयु अथवा 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले सरकारी कर्मचारी-अधिकारी के काम काज की समीक्षा होगी. अगर समीक्षा और छानबीन में शासकीय सेवकों की ईमानदारी और सनिष्ठा संदेह जनक मिलेगी तो उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्त किया जा सकेगा.

इस संबंध में शासकीय सेवक का सम्पूर्ण अभिलेख देखा जाएगा. इसके अलावा इस बर्खास्तगी के जो बिंदू तय किये गये हैं, उसके अनुसार शारीरिक क्षमता में कमी होने, शासकीय सेवक के वार्षिक प्रतिवेदन में सम्पूर्ण सेवा काल के अभिलेखों का समग्र मूल्यांकन अच्छा श्रेणी से कम होने पर भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकेगी.

इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा छानबीन समिति का गठन किया जाएगा. राजप़ित्रत अधिकारियों के लिए प्रशासकीय विभाग के भारसाधक सचिव की अध्यक्षता में छानबीन कमेटी बनेगी. विभागाध्यक्षों के लिए मुख्य सचिव अथवा उनके द्वारा नामांकित अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में छानबीन समिति का गठन किया जाएगा.

अराजपत्रित अधिकारियों के लिए विभागाध्यक्ष स्तर की छानबीन समिति गठित की जाएगी. यह समिति केवल विभागाध्यक्ष कार्यालय के शासकीय सेवकों के अभिलेखों की ही छानबीन करेगी. जहां विभागाध्यक्ष के अधिकार एक से अधिक अधिकारियों को हों, वहां पर वह विभागाध्यक्ष छानबीन समिति का अध्यक्ष होगा. जो समन्वय का कार्य करता है, जैसे प्रमुख अभियंता, प्रधान मुख्य वन संरक्षक आदि.

यह समिति ऐसे अराजपत्रित कर्मचारियों के अभिलेखों की भी छानबीन का कार्य करेगी, जिनके गोपनीय प्रतिवेदन संबंधित विभागाध्यक्ष के स्तर पर रखे जाते हैं. विभागाध्यक्ष की अध्यक्षता में इस समिति का गठन किया जाएगा. इसी तरह संभाग स्तर पर राजस्व कमिश्नर और जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में छानबीन समिति होगी.

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