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बदला लेना नहीं है न्याय-सीजेआई

नई दिल्ली | बीबीसी: भारत के चीफ़ जस्टिस एस ए बोबडे ने कहा है कि न्याय कभी बदला लेने में तब्दील नहीं होना चाहिए, अगर यह बदला लेने में तब्दील हो जाए, तो न्याय अपना चरित्र खो देता है.

चीफ़ जस्टिस ने यह बात हैदराबाद में एक वेटरनरी डॉक्टर के साथ हुए रेप और फिर हत्या मामले में अभियुक्त बनाए गए चार युवकों के कथित पुलिस एनकाउंटर के संदर्भ में कही.

राजस्थान के जोधपुर में हाईकोर्ट के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ”हाल में हुई कुछ घटनाओं के बाद यह चर्चा फिर ज़ोर पकड़ने लगी है कि न्याय में देरी नहीं होनी चाहिए, लेकिन मुझे नहीं लगता कि न्याय कभी भी तुरंत दिया जा सकता है. न्याय को कभी भी बदले का रूप धारण नहीं करना चाहिए.”

उन्होंने यह भी कहा कि लोगों के मन में न्यायालय की जो छवि बनी हुई है उसे बदलने की भी ज़रूरत है.

इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी मौजूद थे. उन्होंने देश की न्याय प्रणाली पर चिंता जताई और कहा कि न्याय प्रक्रिया ग़रीब की पहुंच से दूर हो गई है.

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