राष्ट्र

राहुल का सेमीफाइनल, मोदी का फाइनल

नई दिल्ली | एजेंसी: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी तथा भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के लिये परीक्षा की घड़ी है. नवंबर-दिसंबर माह में होने वाले इन विधानसभा चुनावों को 2014 के आम चुनाव का सेमी फायनल माना जा रहा है. दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटों, राजस्थान में 200, छत्तीसगढ़ में 90, मध्य प्रदेश में 230 और मिजोरम में 40 सीटों के लिए मतदान होना है.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त वी.एस. संपत ने शुक्रवार को पांच राज्यों दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में विधानसभा चुनावों की घोषणा कर दी है. इनमें से छत्तीसगढ़ तथा मध्यप्रदेश में भाजपा और दिल्ली, राजस्थान तथा मिजोरम में कांग्रेस की सरकारें हैं. छत्तीसगढ़ में 11 और 19 नवंबर को, मध्य प्रदेश में 25 नवंबर को, राजस्थान में एक दिसंबर को तथा मिजोरम व दिल्ली में चार दिसंबर को मतदान कराया जाएगा.

दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है, जबकि राष्ट्रीय राजधानी में आम आदमी पार्टी तीसरी ताकत के रूप में उभरी है.

राजनीति के विशेषज्ञों का कहना है कांग्रेस और भाजपा दोनों जीत का दावा कर रही हैं. इन पांच राज्यों में होने वाले चुनाव दोनों मुख्य पार्टियों के लिए परीक्षा की तरह है. इसके नतीजे देखकर ही पार्टियां अगले वर्ष होने वाले संसदीय चुनाव के लिए अपनी रणनीति तैयार करेंगी.

भाजपा ने इन विधानसभा चुनावों के पहले ही गुजरात के मुख्यमंत्री को अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर रखा है. जाहिर सी बात है कि इन पांच राज्यों में जीत या हार का सेहरा उनके सर ही बाधा जायेगा. भाजपा के भीष्म पितामह माने जाने वाले लालकृष्ण आडवाणी को भी इसके नतीजों का इंतजार है. विधानसभा के नतीजों पर ही भाजपा में मोदी तथा आडवाणी का भविष्य टिका हुआ है.

दूसरी तरफ कांग्रेस के उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया पूरी तरह राहुल गांधी के द्वारा दिये गये फार्मूले पर आधारित है. जग जाहिर बात है कि कांग्रेसी अब राहुल गांधी के नेतृत्व में अगला चुनाव लड़ना चाहते हैं. ऐसे में यह राहुल गांधी के लिये फरीक्षा की घड़ी है कि इन पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का परचम फहराये.

राहुल गांधी तथा नरेन्द्र मोदी के बीच एक फर्क यह है कि 44 वर्षीय के सामने और भी मौके आयेंगे परन्तु भाजपा के नरेन्द्र मोदी का राजनीतिक भविष्य इन चुनावों के नतीजों पर ही निर्भर करेगा. जाहिर सी बात है कि ये चुनाव राहुल के लिये सेमी फायनल तथा मोदी के लिये फायनल चुनाव हैं.

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राहुल का सेमीफाइनल, मोदी का फाइनल

नई दिल्ली | एजेंसी: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी तथा भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के लिये परीक्षा की घड़ी है. नवंबर-दिसंबर माह में होने वाले इन विधानसभा चुनावों को 2014 के आम चुनाव का सेमी फायनल माना जा रहा है. दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटों, राजस्थान में 200, छत्तीसगढ़ में 90, मध्य प्रदेश में 230 और मिजोरम में 40 सीटों के लिए मतदान होना है.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त वी.एस. संपत ने शुक्रवार को पांच राज्यों दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में विधानसभा चुनावों की घोषणा कर दी है. इनमें से छत्तीसगढ़ तथा मध्यप्रदेश में भाजपा और दिल्ली, राजस्थान तथा मिजोरम में कांग्रेस की सरकारें हैं. छत्तीसगढ़ में 11 और 19 नवंबर को, मध्य प्रदेश में 25 नवंबर को, राजस्थान में एक दिसंबर को तथा मिजोरम व दिल्ली में चार दिसंबर को मतदान कराया जाएगा.

दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है, जबकि राष्ट्रीय राजधानी में आम आदमी पार्टी तीसरी ताकत के रूप में उभरी है.

राजनीति के विशेषज्ञों का कहना है कांग्रेस और भाजपा दोनों जीत का दावा कर रही हैं. इन पांच राज्यों में होने वाले चुनाव दोनों मुख्य पार्टियों के लिए परीक्षा की तरह है. इसके नतीजे देखकर ही पार्टियां अगले वर्ष होने वाले संसदीय चुनाव के लिए अपनी रणनीति तैयार करेंगी.

भाजपा ने इन विधानसभा चुनावों के पहले ही गुजरात के मुख्यमंत्री को अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर रखा है. जाहिर सी बात है कि इन पांच राज्यों में जीत या हार का सेहरा उनके सर ही बाधा जायेगा. भाजपा के भीष्म पितामह माने जाने वाले लालकृष्ण आडवाणी को भी इसके नतीजों का इंतजार है. विधानसभा के नतीजों पर ही भाजपा में मोदी तथा आडवाणी का भविष्य टिका हुआ है.

दूसरी तरफ कांग्रेस के उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया पूरी तरह राहुल गांधी के द्वारा दिये गये फार्मूले पर आधारित है. जग जाहिर बात है कि कांग्रेसी अब राहुल गांधी के नेतृत्व में अगला चुनाव लड़ना चाहते हैं. ऐसे में यह राहुल गांधी के लिये फरीक्षा की घड़ी है कि इन पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का परचम फहराये.

राहुल गांधी तथा नरेन्द्र मोदी के बीच एक फर्क यह है कि 44 वर्षीय के सामने और भी मौके आयेंगे परन्तु भाजपा के नरेन्द्र मोदी का राजनीतिक भविष्य इन चुनावों के नतीजों पर ही निर्भर करेगा. जाहिर सी बात है कि ये चुनाव राहुल के लिये सेमी फायनल तथा मोदी के लिये फायनल चुनाव हैं.

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