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रमन सरकार ने चीन से किये थे 22 हज़ार करोड़ के एमओयू

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने उद्योग के लिये सबसे अधिक एमओयू चीन के साथ किया था. अपने अंतिम 5 साल के कार्यकाल में उन्होंने कुल 14 एमओयू किये थे, जिसमें से 11 एमओयू उन्होंने अपने चीन और हांगकांग के दौरे में किये थे.

हालांकि 6 से 13 अप्रैल 2016 को किये गये इस दौरे के बाद दावा किया गया था कि मुख्यमंत्री रमन सिंह के नेतृत्व में चीन की अनेक प्रसिद्ध कंपनियों के साथ छत्तीसगढ़ सरकार ने लगभग 22 हज़ार 600 करोड़ रुपए के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं.

लेकिन करोड़ों रुपये खर्च कर की गई इन यात्राओं में कुछ भी हासिल नहीं हुआ और ये सारे एमओयू कागजों में ही धरे रह गये.

6 अप्रैल 2016 से 13 अप्रैल 2016 तक चीन एवं हांगकांग की इस यात्रा में मुख्यमंत्री रमन सिंह के अलावा अफ़सरों का एक पूरा काफिला इस यात्रा में गया था. इनमें वरिष्ठ अधिकारी विवेक ढांड, अमन सिंह, सुबोध सिंह, सुनील मिश्रा, कार्तिकेय गोयल, रजत कुमार, सौरभ कुमार, विक्रम सिसोदिया और एस के सोनी शामिल थे.

मुख्यमंत्री और उनके साथ गये अधिकारियों के दल ने हेनान प्रांत में ही अपना अधिकांश समय बिताया.

सरकार का दावा था कि इस यात्रा में छत्तीसगढ़ ने अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश के लिये कई कंपनियों से एमओयू किया था. इनमें निम्न कंपनियां और उनके निवेश शामिल थे-

  • मेसर्स एशिया पेसिफिक जनरेशन लिमिटेड- 600 मिलियन यूएस डालर
  • मेसर्स चाईना हेनॉन बम्पर ऑफ न्यू एनर्जी व्हीकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड- 500 मिलियन यूएस डालर
  • मेसर्स गॉगझू इऑन ऑप्टिकल एंड इलेक्ट्रकल टेक ज्वाइंट स्टॉक कॉर्पोरेशन लिमिटेड-10 मिलियन यूएस डॉलर
  • मेसर्स कुशन टेक्नॉलॉजी कार्पोरेशन लिमिटेड-50 मिलियन यूएस डॉलर
  • मेसर्स हांगकांग जिनयूआन इंटरनेशनल डेवलपमेंट लिमिटेड-1000 मिलियन यूएस डालर
  • मेसर्स राईजन एनर्जी कार्पोरेशन लिमिटेड-1000 मिलियन यूएस डालर
  • मेसर्स शेनकार्न क्यूयेंन्स टेक्नॉलॉजी-100 मिलियन यूएस डालर
  • मेसर्स आस्टेंर्ड सोलर होल्डिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड-400 मिलियन यूएस डालर
  • मेसर्स डोंगाक्तव करझेंग इंडस्ट्री लिमिटेड-20 मिलियन यूएस डालर
  • मेसर्स मिटेक इंक-25 मिलियन यूएस डालर
  • मेसर्स झोंगली टेलसन सोलर कंपनी-500 मिलियन यूएस डालर

इन 11 एमओयू के अनुसार इन कंपनियों को छत्तीसगढ़ में 22 हज़ार 600 करोड़ रुपए का निवेश करना था. लेकिन आंकड़ों के अनुसार इन 11 एमओयू समेत 14 एमओयू में से किसी भी कंपनी ने छत्तीसगढ़ में एक पैसे का निवेश नहीं किया.

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